एलन मस्क की ब्रेन-चिप कंपनी न्यूरालिंक को ह्यूमन ट्रायल के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से मंजूरी मिल गई है। अगर यह ट्रायल कामयाब रहा तो चिप के जरिए ब्लाइंड इंसान भी देख सकेंगे।पैरालिसिस से पीड़ित मरीज सोचकर मोबाइल और कंप्यूटर ऑपरेट कर सकेंगे।
न्यूरालिंक ने कहा, ‘हम यह शेयर करने के लिए उत्साहित हैं कि हमें अपनी पहली ह्यूमन क्लिनिकल स्टडी शुरू करने के लिए FDA का अप्रूवल मिल गया है। यह FDA के साथ क्लोज कोलेबोरेशन में न्यूरालिंक टीम के इंक्रेडिबल वर्क का रिजल्ट है। एक दिन हमारी तकनीक कई लोगों की मदद करेगी।’
न्यूरालिंक डिवाइस क्या है?
1. फोन को सीधे ब्रेन से जोड़ेगा
न्यूरालिंक ने सिक्के के आकार का एक डिवाइस बनाया है। इसे लिंक नाम दिया गया है। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इम्पल्स) से सीधे कंट्रोल करने में सक्षम करता है। उदाहरण के लिए पैरालिसिस से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क में चिप लगाने के बाद वह सिर्फ सोचकर माउस का कर्सर मूव कर सकेंगे।
2. कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य चिप
न्यूरालिंक ने कहा, हम पूरी तरह से इम्प्लांटेबल, कॉस्मैटिक रूप से अदृश्य ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस डिजाइन कर रहे हैं, ताकि आप कहीं भी जाने पर कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस को कंट्रोल कर सकें। माइक्रोन-स्केल थ्रेड्स को ब्रेन के उन क्षेत्रों में डाला जाएगा जो मूवमेंट को कंट्रोल करते हैं। हर एक थ्रेड में कई इलेक्ट्रोड होते हैं, जिसे वह लिंक इम्प्लांट से जोड़ता है।
3. रोबोटिक प्रणाली डिजाइन की
कंपनी ने बताया कि लिंक पर थ्रेड इतने महीन और लचीले होते हैं कि उन्हें मानव हाथ से नहीं डाला जा सकता। इसके लिए कंपनी ने एक रोबोटिक सिस्टम डिजाइन किया है। यह थ्रेड को मजबूती से और कुशलता से इम्प्लांट कर सकेगा।
इसके साथ ही न्यूरालिंक ऐप भी डिजाइन किया गया है। ब्रेन एक्टिविटी से सीधे अपने कीबोर्ड और माउस को बस इसके बारे में सोच कर कंट्रोल कर सकते हैं।
डिवाइस को चार्ज करने की भी जरूरत होगी। इसके लिए कॉम्पैक्ट इंडक्टिव चार्जर डिजाइन किया गया है जो बैटरी को बाहर से चार्ज करने के लिए वायरलेस तरीके से इम्प्लांट से जुड़ता है।