पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दाएं हाथ कहे जाने वाले पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर फवाद चौधरी ने खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) छोड़ दी है। चौधरी ने बुधवार को सोशल मीडिया पर इसका ऐलान किया। इसके कुछ देर बाद खान के एक और करीबी असद उमर ने पार्टी महासचिव पद इस्तीफा दे दिया। हालांकि, तकनीकि तौर पर पार्टी नहीं छोड़ी।
मंगलवार को PTI के 2 और बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी। इमरान की करीबी सहयोगी और पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर शिरीन मजारी ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। कुछ ही देर बाद अमीर कारोबारी खान के फाइनेंसर फैयाज-उल-चौहान ने भी खान का साथ छोड़ दिया।
इमरान को 9 मई को करप्शन केस में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद PTI वर्कर्स ने जिन्ना हाउस और आर्मी हेडक्वॉर्टर समेत कई फौजी ठिकानों पर हमले किए थे। इन मामलों में एक हजार से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फवाद ने पहले भी इन हमलों को गलत बताया था।
फवाद चौधरी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुख्य प्रवक्ता भी थे।
फवाद ने क्या कहा
सोशल मीडिया पर PTI के इस पूर्व नेता ने कहा- मैं इमरान खान से अलग रास्ता अख्तियार कर रहा हूं। पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देता हूं। इसके बाद एक टीवी चैनल से बातचीत में फवाद ने कहा- 9 मई को जो कुछ हुआ, उसकी मैं पहले ही निंदा कर चुका हूं। ये भी कुछ लोगों को पसंद नहीं आया था। अब सबसे बेहतर यही है कि मैं इस पार्टी को ही छोड़ दूं। कुछ वक्त पॉलिटिक्स से दूर रहूंगा।
फवाद पार्टी के चीफ स्पोक्सपर्सन यानी मुख्य प्रवक्ता भी थे। उनका साथ छोड़ना इमरान को सियासी लिहाज से नहीं, बल्कि कानूनी तौर पर भी भारी पड़ सकता है। वो इमरान के सबसे बड़े राजदार माने जाते हैं। माना जा रहा है कि वो नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन जॉइन कर सकते हैं।
17 मई को ही फवाद ने कहा था- कौन क्या कहता है, इससे मेरा कोई सरोकार नहीं। ध्यान रखिए, अगर हमारी फौज है तो पाकिस्तान है। अगर हम फौज पर ही घर में हमले करेंगे तो क्या होगा? इसके बाद माना जा रहा था कि फवाद बहुत ज्यादा समय तक इमरान के साथ नहीं रहेंगे।
फवाद के पहले 16 बड़े नेता इमरान की पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें शिरीन मजारी, आमिर मेहमूद कियानी, मलिक अमीन असलम, मेहमूद मौलवी, आफताब सिद्दीकी, फैयाज-उल-हसन चौहान और आमिर मीर शामिल हैं।
शिरीन मजारी भी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की सीनियर लीडर थीं।
फैयाज बोले- हमले इमरान ने कराए
मीडिया से बातचीत में फैयाज-उल-हसन चौहान ने कहा- 9 मई को फौज के ठिकानों पर हमले हुए। पूरे मुल्क को हिंसा की आग में झोंक दिया गया। इसके लिए इमरान ने ही समर्थकों को ट्रेनिंग दी थी।
चौहान ने कहा- पिछले साल मई में मैंने खान को एक वीडियो मैसेज किया था। यह मैसेज अब तक कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों के पास मौजूद है। तब मैंने खान को सलाह दी थी कि वो सियासत में हिंसा लेकर न आएं। अगर ऐसा हुआ तो एक दिन फंस जाएंगे। खान को मेरी सलाह पसंद नहीं आई। आज हालात सबके सामने हैं।
चौहान ने आगे कहा- हमारे फौज से कुछ मामलों पर मतभेद हो सकते हैं। इसका मतलब ये नहीं है कि हम फौज के ठिकानों पर ही हमला कर दें। जिन लोगों ने 9 मई को जिन्ना हाउस और आर्मी हेडक्वॉर्टर पर हमले किए, उन्हें इमरान ने ही ट्रेनिंग दी थी।
फैयाज-उल-हसन चौहान ने PTI चेयरमैन इमरान खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पार्टी पर बैन का खतरा
9 मई के बाद सियासी हलकों में आशंका जताई जा रही है कि इमरान और PTI वर्कर्स का जो रवैया है, उसे देखते हुए इस पार्टी को बैन कर देना चाहिए। फौज के ठिकानों पर हमलों के बाद आर्मी चीफ ने साफ कहा था- इस हरकत के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, चाहे वो कोई भी हों या कितने भी ताकतवर हों, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और उनके केस भी फौजी अदालतों में चलेंगे।
इसके बाद, बुधवार को सरकार की तरफ से डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ सामने आए। कहा- हम PTI को बतौर पॉलिटिकल पार्टी बैन करने पर विचार कर रहे हैं। PTI वर्कर्स और इमरान ने जो किया है, वो पाकिस्तान के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।
आसिफ ने कहा- तमाम लीगल ऑप्शंस देखे जा रहे हैं। कसूरवारों को ऐसी सजा मिलेगी, जो मिसाल बने। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर पहले ही यह बात साफ-साफ कह चुके हैं।