19 मई 2023। 5 दिनों की मैराथन मीटिंग्स के बाद कर्नाटक के CM पद के लिए सिद्धारमैया और डिप्टी CM के लिए डीके शिवकुमार का नाम अनाउंस हो चुका था। इसके बाद डीके ने एक इंटरव्यू दिया।
पत्रकार ने पूछा- क्या कर्नाटक में ये सरकार 5 साल चलेगी, सिद्धारमैया के साथ CM पद को लेकर विवाद तो नहीं होगा? इस पर डीके हल्की मुस्कान के साथ कहते हैं- कर्नाटक में 5 साल तक कांग्रेस सरकार चलेगी। सिद्धारमैया के 5 साल CM रहने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। डीके ने मीटिंग्स में क्या बातें हुईं, उसे बताने से भी साफ इनकार कर दिया।
डीके शिवकुमार के जेस्चर से कयास लगने लगे कि कर्नाटक में ढाई-ढाई साल के CM पर बात बनी है। इसके बाद आई कई मीडिया रिपोर्ट्स ने भी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बारी-बारी से CM बनने की बात को हवा दी।
कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच पावर शेयरिंग का एक्चुअल फार्मूला तो नहीं मालूम, लेकिन हाल ही में आए संकेतों से इसे समझा जरूर जा सकता है। भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि कर्नाटक में क्यों सिद्धारमैया ही पूरे 5 साल मुख्यमंत्री रहेंगे…
संकेत-1: कांग्रेस के बड़े नेताओं के बयान
केसी वेणुगोपाल: 18 मई को दोपहर 12:30 बजे कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने CM पद के लिए नाम का ऐलान किया।
वेणुगोपाल ने बताया, सभी से चर्चा करने के बाद कांग्रेस पार्टी ने ये फैसला लिया है कि सिद्धारमैया को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
डीके शिवकुमार कर्नाटक के इकलौते डिप्टी CM होंगे। डीके 2024 लोकसभा चुनाव तक कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे।
कर्नाटक में ढाई-ढाई साल के सत्ता शेयरिंग के फार्मूला के सवाल पर केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पावर शेयरिंग फार्मूले का मतलब है इसे कर्नाटक के लोगों से साझा करना।
हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि कांग्रेस हाईकमान ने डीके शिवकुमार से कहा है कि कर्नाटक में कोई भी डिसीजन उनकी सहमति के बिना नहीं लिया जाएगा।
सिद्धारमैया को भले ही CM बनाया जा रहा है, लेकिन उन्हें हर फैसले में डिप्टी CM की सहमति लेनी ही होगी।
साथ ही डीके को यह भी कहा गया कि आपकी पसंद के विधायकों को वो पोर्टफोलियो दिए जाएंगे, जो वो चाहते हैं। ढाई साल सिद्धारमैया CM रहेंगे, फिर आपको CM बना दिया जाएगा।’
18 मई को प्रेस कॉन्फ्रेस में कर्नाटक के CM और डिप्टी CM का नाम एनाउंस करते केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला।
एमबी पाटिल: कर्नाटक कांग्रेस के सीनियर नेता एमबी पाटिल ने सोमवार को कहा कि सिद्धारमैया पांच साल तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहेंगे। सत्ता शेयरिंग का समझौता होता तो सीनियर नेता जानकारी देते। 30 महीने की पावर शेयरिंग का कोई प्रस्ताव नहीं है। अगर ऐसा कोई समझौता होता तो केसी वेणुगोपाल हमें बताते।
मीडिया रिपोर्ट: 21 मई को संडे गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल तक CM बनने का कोई फार्मूला तय नहीं किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि मुद्दा सुलझा लिया गया है। यह लोगों का जनादेश है। निर्वाचित विधायकों ने सिद्धारमैया में अपना विश्वास जताया है। वह उदार व्यक्ति हैं।
वह भारतीय राजनीति में मिस्टर क्लीन हैं। उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है, कोई भ्रष्टाचार का केस नहीं है। भाई-भतीजावाद का भी आरोप नहीं है। वह भारतीय राजनीति के बराक ओबामा हैं।
संकेत-2: सौदेबाजी में शिवकुमार के हिस्से भी बहुत कुछ
पॉलिटिकल साइंटिस्ट और सेफोलॉजिस्ट संदीप शास्त्री कहते हैं कि डीके शिवकुमार का CM पद के लिए दावा करना पहले से ही अपेक्षित था।
शिवकुमार सत्ता में ज्यादा हिस्सेदारी के लिए सबसे अच्छी सौदेबाजी कर रहे थे। वह उन्हें मिल गया है। इसे मैंने 1+1+1 कहा है यानी डिप्टी CM, मंत्रियों का विभाग चुनना, और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में बने रहना।
यह एक दिलचस्प साझेदारी होगी। यानी डीके शिवकुमार जो चाहते थे उन्हें मिल चुका है। ऐसे में पावर शेयरिंग जैसी कोई बात ही नहीं रह जाती है।
संकेत-3: कांग्रेस में सत्ता शेयरिंग फार्मूले का कोई इतिहास नहीं
देखा जाए तो अब तक कांग्रेस के इतिहास में रोटेशनल मुख्यमंत्री बनाए जाने की कोई परंपरा नहीं मिलती है। हालांकि एक बार गठबंधन सरकार में ऐसा जरूर हुआ है।