मेक्सिको का सबसे खतरनाक ज्वालामुखी फटा है। इसे पॉपोकेटपेटल नाम से जाना जाता है। ये ज्वालामुखी सेंट्रल मेक्सिको में मौजूद है। रविवार को इस क्षेत्र में अलर्ट को बढ़ा दिया गया है। लोकल प्रशासन ने स्कूल और पब्लिक पार्क बंद कर दिए हैं। इसके अलावा कई फ्लाइट्स भी देरी से उड़ान भर रही हैं।
ज्वालामुखी के 60 मील के दायरे में लगभग 2 करोड़ 50 लाख लोग रहते हैं। मेक्सिको के नेशनल सिविल प्रोटेक्शन कॉर्डिनेशन (CNPC) ने रविवार को येलो फेज 3 का अलर्ट जारी किया। इसके बाद ज्वालामुखी के आसपास बसे गांवों में रह रहे करीब 30 लाख लोगों को इलाका खाली करने की तैयारी करने के लिए कहा गया। साथ ही उन्हें घरों से बाहर नहीं निकलने की भी सलाह दी गई है। CNPC ने ज्वालामुखी के आसपास के क्षेत्र में तेजी से राख फैलने की चेतावनी दी है।
ये तस्वीर पॉपोकेटपेटल ज्वालामुखी के फटने की है।
शनिवार को बंद हो गया था एयरपोर्ट
इससे पहले शनिवार को मेक्सिको सिटी के बेनिटो जुआरेज अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (AICM) को राख फैलने के बाद अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि ये ज्वालामुखी 15 मई से सक्रिय है और आने वाले समय में इसमें गतिविधियां और बढ़ सकती हैं। पॉपोकेटपेटल को मेक्सिको का सबसे खतरनाक ज्वालामुखी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं।
ज्वालामुखी फटने के बाद इलाके में राख और धुएं को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया।
सबसे पहले 1994 में सक्रिय हुआ था पॉपोकेटपेटल ज्वालामुखी
पॉपोकेटपेटल ज्वालामुखी सबसे पहले 1994 में सक्रिय हुआ था। इसके बाद साल 2000 में इसमें काफी बड़ा विस्फोट हुआ था। तब करीब 50 हजार लोगों को क्षेत्र खाली करके जाना पड़ा था। इसके बाद भी कई बार ये ज्वालामुखी सक्रिय हुआ है जिसे देखते हुए अधिकारी समय-समय पर चेतावनी जारी करते रहते हैं।
शनिवार को बेनिटो जुआरेज अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया था।
ज्वालामुखी क्या होता है?
ज्वालामुखी धरती की सतह पर मौजूद प्राकृतिक दरारें होती हैं। एक ज्वालामुखी का निर्माण एक प्लैनेटरी-मास ऑबजेक्ट की परत में टूटने से होता है। इनसे होकर धरती के आंतरिक भाग से पिघला हुआ पदार्थ जैसे मैग्मा, लावा, राख आदि विस्फोट के साथ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी पृथ्वी पर मौजूद 7 टेक्टोनिक प्लेट्स और 28 सब टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने के कारण बनते हैं।
दुनिया का सबसे एक्टिव ज्वालामुखी माउंट एटना इटली में है। वहीं सबसे बड़ा वोल्केनो माउना लाओ हवाई में है।
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रूस का सबसे एक्टिव ज्वालामुखी मंगलवार को 16 साल के बाद फटा गया। शिवेल्चु नाम के इस ज्वालामुखी के फटने से उठा धुएं का गुब्बार 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया। जिससे रूस के कामाच्का पेनिनसुला में काफी समय तक एयर ट्रैफिक को बंद रखना पड़ा।
लाल हुआ पूरा आसमान:अमेरिका में 38 साल बाद फटा दुनिया का सबसे बड़ा ज्वालामुखी मौनालाओ
हवाई में सोमवार को दुनिया का सबसे बड़ा वोल्केनो माउना लाओ फटा है। लगभग 4 दशक बाद फटे इसे वोल्केनो से पूरे आसमान में लाली छा गई। US जिओलोजिकल सर्वे के मुताबिक वोल्केनो के फटने की शुरूआत रविवार रात को हो चुकी थी। इसके बाद एमरजेंसी क्रू को एलर्ट पर रखा गया था। वोल्केनो फटने के बाद इससे निकला मलबा ज्यादा दूर तक नहीं गया।