फ्रांस की कॉन्स्टिट्यूशन काउंसिल (सुप्रीम कोर्ट) ने सरकार के रिटायरमेंट एज बढ़ाने वाले फैसले को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ कानूनी तैर पर रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 64 हो गई है। अगले 48 घंटे में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों इस कानून पर साइन करेंगे, जिसके बाद इसे लागू किया जाएगा। वहीं, कोर्ट के फैसले के बाद पेरिस समेत 200 शहरों में हिंसा बढ़ गई है।
फ्रांस 24 की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉन्स्टिट्यूशन काउंसिल के 9 मेंबर्स ने माना कि नई पेंशन योजना संविधान की नजर में सही है। इस योजना के तहत ही रिटायरमेंट एज बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था। शुक्रवार को कोर्ट के फैसले के बाद पेरिस में पुलिस ने 112 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। सरकार के खिलाफ विरोध और हिंसा पिछले तीन महीने से जारी है।
लोगों ने नारेबाजी की
पेरिस सिटी हॉल को बाहर जमा हुए प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कई जगहों पर पुलिस और लोगों के बीच झड़प भी हुए। लोगों ने तोड़फोड़ की और रैली निकाली। लोगों का कहना है कि वो तब तक प्रदर्शन करते रहेंगे जब तक सरकार कानून वापस नहीं ले लेती। लोगों के हाथ में पोस्टर और बैनर थे। इन पर लिखा था- ‘हम हार नहीं मानेंगे’, ‘ये लड़ाई जारी रहेगी
कोर्ट के फैसले के बाद हुए प्रदर्शन की तस्वीरें देखें…
सितंबर 2023 तक लागू हो सकता है कानून
कोर्ट ने नई पेंशन योजना के तहत दिए गए 6 अन्य प्रस्ताव खारिज कर दिए। इसमें एक प्रस्ताव जिसे कैंसल किया गया उसमें कहा गया था कि कंपनियां 55 साल से ज्यादा उम्र वाले कितने लोगों को रोजगार देती हैं, इसकी जानकारी पब्लिश करेगी।
वहीं, रिटायरमेंट कानून को कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने बताया कि ये कानून इस साल सितंबर तक लागू किया जा सकता है। लेबर मिनिस्टर ओलिवियर डसॉप्ट ने कहा- सरकार की प्लानिंग के मुताबिक, कानून 1 सितंबर से लागू होगा।
अब विस्तार से जानें पिछले 3 महीने में क्या हुआ…
जनवरी 2023 में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेंशन सुधार की बात कही। इसको लेकर बनाई गई योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन शुरू हुए। इसमें कहा गया कि योजना से जुड़ा एक बिल संसद में पारित होने के बाद रिटायरमेंट की उम्र को 62 से बढ़ा कर 64 कर देगा। साथ ही पूरी पेंशन के लिए जरूरी न्यूनतम सेवा काल की अवधि को भी बढ़ा देगा। यानी 2027 से लोगों को पूरी पेंशन लेने के लिए कुल 43 साल काम करना होगा। अभी तक ये न्यूनतम सेवा काल 42 साल था।
ये तस्वीर 19 जनवरी की है। फ्रांस की इंटीरियर मिनिस्ट्री के मुताबिक, इस दिन 11 लाख 20 हजार लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। 80 हजार लोग तो सिर्फ पेरिस में ही प्रदर्शन कर रहे थे।
ये बिल 11 मार्च 2023 को सीनेट (फ्रांस की संसद का अपर हाउस) में पास हो गया। इसके बाद 16 मार्च को एक जॉइंट कमेटी ने इसे रिव्यू करके अप्रूव कर दिया। 17 मार्च को संसद को दोनों सदनों में इस पर फाइनल वोटिंग होनी थी। लेकिन नेशनल असैंबली में प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न ने संवैधानिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए बिना वोटिंग के ही बिल पास करवा दिया। PM ने आर्टिकल 49.3 का इस्तेमाल किया जिसके तहत बहुमत न होने पर सरकार के पास बिना वोटिंग के बिल पास कराने का अधिकार है। इसके बाद विपक्षी नेता मरीन ले पेन ने इमैनुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी।
ये फुटेज 17 मार्च का है। बिल पास होने बाद लोगों ने आर्टिकल 49.3 के इस्तेमाल का विरोध किया था।
21 मार्च 2023 को फ्रांस की संसद में दो अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। सरकार दोनों अविश्वास मत जीत गई। इसी के साथ रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने वाला बिल अब कानून बन गया, लेकिन इसके लागू किए जाने पर सवाल खड़े होने लगे। इसके बाद फाइनल वर्डिक्ट के लिए इसे कॉन्स्टिट्यूशन काउंसिल के पास भेजा गया। अविश्वास मत को पास होने के लिए 287 वोट चाहिए थे, लेकिन 278 वोट ही मिले। अगर प्रस्ताव पास हो जाता तो मैक्रों सरकार गिर जाती और नया चुनाव करवाया जाता।
ये तस्वीर नेशनल असैंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान की है। यहां कई सांसदों ने भी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
नई पेंशन योजना देश हित के लिए जरूरी : मैंक्रों
22 मार्च को दिए एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था- मुझे इस बिल का कोई अफसोस नहीं है। हम देश हित के लिए जरूरी है। मुझे सिर्फ एक बात का दुख है कि मैं फ्रांस के लोगों को इस बिल की जरूरत नहीं समझा पाया। कोरोना के बाद देश में महंगाई बढ़ गई है। इसी वजह से हमें इस बिल की जरूरत है।
सरकार इसे फ्रांस की शेयर-आउट पेंशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में बता रही है। सरकार का कहना है कि काम करने वालों और सेवानिवृत्त लोगों के बीच का अनुपात तेजी से कम हो रहा है। जिसे देखते हुए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। ज्यादातर यूरोपियन कंट्रीज ने रिटायरमेंट एज बढ़ाई है। इटली और जर्मनी में रिटायरमेंट की उम्र 67 साल है। स्पेन में ये 65 साल है। ब्रिटेन में रिटायरमेंट की उम्र 66 साल है।
रिटायरमेंट एज बढ़ने से जल्द मरने की आशंका
विरोध प्रदर्शन में सफाईकर्मी भी शामिल हैं। 13 मार्च 2023 को कुछ तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें पेरिस की सड़कों पर कचरे का अंबार दिख रहा था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि रिटायरमेंट एज बढ़ाए जाने के विरोध में सफाईकर्मियों ने काम करने से मना कर दिया।
इस वीडियो में पेरिस की सड़कों पर जमा कचरे के बैग दिख रहे हैं।
एक सफाईकर्मी ने कहा- कचरा उठाने वालों की रिटायरमेंट एज 57 साल है। वहीं, सीवर साफ करने वालों की रिटायरमेंट एज 52 साल है। अगर नई पेंशन योजना लागू हो गई, तो इन्हें दो साल और काम करना होगा। इसका असर उनकी लाइफ पर पड़ेगा। क्योंकि वो दिन के चार से पांच घंटे सीवर के अंदर रहते हैं। सफाई के दौरान कई तरह की गैस निकलती हैं। सफाईकर्मी सीधे तौर पर इन गैसों के संपर्क में रहते हैं, जिससे उनके बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं।
उन्होंने कहा- कई कर्मचारी 40 की उम्र पार करने के ही कमजोर होने लगते हैं। कुछ की तो मौत भी हो जाती है। कुछ हेल्थ रिसर्च में कहा गया है कि बाकी आबादी की तुलना में सीवेज कर्मचारियों के 65 साल की उम्र से पहले मरने की संभावना दोगुनी होती है।
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फ्रांस में पेंशन रिफॉर्म बिल के खिलाफ गुरुवार को अलग-अलग शहरों में 200 से ज्यादा प्रदर्शन हुए। बोर्डो शहर में गुस्साए लोगों ने सिटी हॉल के मेन गेट पर आग लगा दी। यूनियन की तरफ से प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथ में झंडे, पोस्टर और बैनर थे। इस पर पेंशन बिल और मैक्रों विरोधी नारे लिखे हुए थे। इन प्रदर्शनों के चलते किंग चार्ल्स ने अपना फ्रांस का दौरा रद्द कर दिया है। दरअसल, किंग चार्ल्स 26 से 29 मार्च तक फ्रांस के दौरे पर रहने वाले थे।