नई दिल्ली, पीटीआई। देश के विभिन्न जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कैदियों की संख्या घटाने की उम्मीद के तहत केंद्र सरकार ने जेलों में बंद गरीब लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष योजना शुरू करने का फैसला किया है। केंद्र ने यह फैसला इसलिए किया है, क्योंकि वे लोग (गरीब कैदी) जुर्माना या जमानत राशि वहन करने में असमर्थ हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “इससे गरीब कैदी, जिनमें से अधिकांश सामाजिक रूप से वंचित या निम्न शिक्षा और आय स्तर वाले हाशिए के समूहों से संबंधित हैं, जेल से बाहर निकल सकेंगे।” बयान में कहा गया कि गरीब कैदियों के लिए सहायता योजना की व्यापक रूपरेखा को हितधारकों के परामर्श से अंतिम रूप दिया गया है।
बयान के मुताबिक, योजना का लाभ गरीब कैदियों तक पहुंचे, इसके लिए तकनीक आधारित समाधान तैयार किए जाएंगे, ई-प्रिजन प्लेटफॉर्म को मजबूत किया जाएगा और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा हितधारकों को संवेदनशील बनाया जाएगा और क्षमता पर जोर दिया जाएगा।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अपने बजट भाषण में उन गरीब कैदियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की थी, जो अपने दंड या जमानत राशि को वहन करने में असमर्थ हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की समस्या के समाधान के लिए कई कदम उठा रही है। इसके तहत, घोषणाओं में से एक है ‘गरीब कैदियों के लिए समर्थन’। अन्य कदमों में आपराधिक प्रक्रिया संहिता में धारा 436ए को शामिल करना और सीआरपीसी में एक नया अध्याय XXIA ‘प्ली बारगेनिंग’ शामिल करना शामिल है।
मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर कानूनी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से गरीब कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा, “आगे यह सुनिश्चित करने के लिए कि बजट का लाभ समाज के सभी इच्छित वर्गों तक पहुंचे, बजट की प्राथमिकताओं में से एक, मार्गदर्शक ‘सप्तऋषि’ अंतिम मील तक पहुंच रहे हैं।”
बयान में कहा गया है कि जेल आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और कानून के शासन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और गृह मंत्रालय समय-समय पर जारी विभिन्न परामर्शों के माध्यम से राज्य सरकारों के साथ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश साझा करता रहा है। मंत्रालय ने कहा कि जेलों में सुरक्षा ढांचे को बढ़ाने और आधुनिक बनाने के लिए मंत्रालय राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है।