नॉर्थ कोरिया ने गुरुवार को अमेरिका और साउथ कोरिया को बढ़ते तनाव के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने लगातार जॉइंट मिलिट्री ड्रिल्स करके स्थिति को परमाणु युद्ध की कगार पर ला दिया है। तानाशाह किम जोंग ने ड्रिल्स के बदले आक्रामक कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।
नॉर्थ कोरिया की न्यूज एजेंसी KCNA को दिए एक स्टेटमेंट में वहां के इंटरनेशनल सिक्योरिटी एनालिस्ट ने US और साउथ कोरिया के बीच सैन्य अभ्यास की निंदा की। उन्होंने कहा- दोनों देशों ने मिलकर कोरियाई पेनेंसुला (नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया) में युद्ध की स्थिति को बढ़ावा दिया है। इससे पेनेन्सुला एक बड़े बम में बदल गया है जो कभी भी फट सकता है।
तस्वीर में किम के साथ उनकी बेटी जू ए नजर आ रही है। किम उसे अपने साथ कई मिसाइल टेस्टिंग में ले जा चुके हैं।
नॉर्थ कोरिया बोला- हमले का अभ्यास कर रहे US- साउथ कोरिया
नॉर्थ कोरिया ने सैन्य अभ्यास पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे हमले की प्रैक्टिस बताया है। दरअसल, अमेरिका और साउथ कोरिया की सेना मार्च की शुरुआत से ही मिलिट्री ड्रिल्स कर रही हैं। इनमें एयरफोर्स और नेवी ड्रिल्स भी शामिल रही हैं। इन अभ्यासों में अमेरिका के F-35 फाइटर जेट्स ने भी हिस्सा लिया था।
तस्वीर में ड्रिल के दौरान अमेरिका के B-1 बॉम्बर (ऊपर वाले) और साउथ कोरिया के F-15 फाइटर जेट्स नजर आ रहे हैं।
इसके अलावा दोनों देशों के 12 हजार सेलर सहित 30 वॉरशिप, 70 एयरक्राफ्ट और 50 एम्फीबियस लड़ाकू वाहन (जो जमीन और पानी दोनों में इस्तेमाल किए जा सकते हैं) शामिल हुए। पिछले एक महीने से जारी मिलिट्री ड्रिल पिछले 5 साल की सबसे बड़ी ड्रिल बताई गई है। इस ड्रिल को ‘फ्रीडम शील्ड’ नाम दिया गया है। दोनों देशों ने साल 2018 में नॉर्थ कोरिया से शांति वार्ता शुरू करने के दौरान इस तरह की ड्रिल्स को बंद कर दिया था।
किम जोंग उन के न्यूक्लियर फैसिलिटी के दौरे के समय कई सैन्य अधिकारी उन के साथ थे।
नॉर्थ कोरिया ने दिखाए थे परमाणु हथियार
अमेरिका और साउथ कोरिया की ड्रिल्स के दौरान नॉर्थ कोरिया ने भी लगातार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) सहित दूसरी मिसाइलों की टेस्टिंग की है। साथ ही कुछ दिन पहले ही देश ने पहली बार अपने परमाणु हथियार दुनिया के सामने पेश किए थे। इस दौरान नॉर्थ कोरिया ने और भी खतरनाक परमाणु हथियार बनाने की बात कही थी।
परमाणु हथियारों के निरीक्षण के दौरान किम जोंग उन की बताई गई बातों को नोट करते अधिकारी।
परमाणु हथियार छोटे फिर भी अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम
नॉर्थ कोरिया ने अपने परमाणु हथियारों को हवासैन-31 नाम दिया है। न्यूक्लियर एक्सपर्ट्स का मानना है कि नॉर्थ कोरिया के हथियार बेशक छोटे हैं फिर भी इन्हें इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों पर लगाकर अमेरिका और साउथ कोरिया में तबाही मचाई जा सकती है।
सिओल नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्यून सू के मुताबिक मंगलवार को पहली बार ऑफिशियली दिखाए गए नॉर्थ कोरिया के परमाणु हथियार 2016 के मुकाबले बड़े हैं। इससे परमाणू हथियार बनाने में उनकी तरक्की साफ दिख रही है।
तस्वीर में किम मिसाइल टेस्टिंग का निरीक्षण करते नजर आ रहे हैं।
प्रतिबंध के बावजूद मिसाइल टेस्टिंग कर रहा नॉर्थ कोरिया
संयुक्त राष्ट्र यानी UN ने नॉर्थ कोरिया पर परमाणु और बैलिस्टिक हत्यारों की टेस्टिंग को लेकर प्रतिबंध लगाए हैं। आसान शब्दों में कहें तो नॉर्थ कोरिया परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण नहीं कर सकता है। इसके बावजूद लगातार मिसाइल टेस्ट किए जा रहे हैं।
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नॉर्थ कोरिया ने फिर पूर्वी सागर में दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं। साउथ कोरिया के डिफेंस मिनिस्टर ली-जोंग-सुप ने सी ऑफ जापान की तरफ मिसाइल फायर होने का दावा किया है। जापान ने भी इसकी पुष्टि की है। हालांकि, ये मिसाइल कौन सी थी और ये कितनी दूर तक गई इसकी अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।