नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Banarasi Paan: सालों पुराना और प्रसिद्ध बनारसी पान और बनारसी लंगड़ा आम इस वक्त खूब चर्चा में है। ये दो उत्पाद ऐसे हैं, जिन्हें भौगोलिक पहचान (जीआई) टैग मिला है। इनके अलावा पड़ोसी जिले चंदौली का आदमचीनी चावल भी जीआई क्लब में शामिल है।
31 मार्च को जीआई रजिस्ट्री की गई, जिसमें एक ही दिन में 33 उत्पादों का जीआई सर्टिफिकेशन किया गया। इनमें से 10 उत्पाद अकेले उत्तर प्रदेश के हैं और उसमें से भी तीन उत्पाद अकेले वाराणसी के हैं। अभी तक, यूपी में 45 जीआई सामान मौजूद हैं, जिनमें से 20 पूर्वी यूपी के वाराणसी क्षेत्र के हैं। अब तक, जीआई रजिस्ट्री द्वारा 441 भारतीय उत्पादों और 34 विदेशी वस्तुओं का जीआई सर्टिफिकेशन किया गया है।
पान और आम के अलावा, वाराणसी के एक अन्य प्रसिद्ध कृषि उत्पाद, रामनगर के भंटा (बैंगन) को भी जीआई सर्टिफिकेशन दिया गया है। पड़ोसी जिले चंदौली का ‘अदमचीनी चावल’ (चावल) एक महीने पहले जीआई क्लब में शामिल हुआ था। जीआई क्लब में इन नई चीजों के शामिल होने से वाराणसी को कृषि और बागवानी क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा।
जीआई रजिस्ट्री के मुताबिक, 33 उत्पादों में यूपी के 10 नए प्रमाणित सामानों में अलीगढ़ ताला, बखरिया पीतल के बर्तन, बांदा शजर पत्थर क्राफ्ट, नगीना वुड क्राफ्ट, प्रतापगढ़ का आंवला, हाथरस का हींग, बनारस का लंगड़ा आम, रामनगर का भंटा, मुजफ्फरनगर का गुड़ और बनारसी पान शामिल हैं।
वाराणसी की इन चीजों को भी मिल चुका है जीआई टैग-
बनारस ब्रोकेड और साड़ियां
बनारस गुलाबी मीनाकारी शिल्प
वाराणसी सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क
वाराणसी लकड़ी के लाख के बर्तन और खिलौने
बनारस मेटल रिपोसे शिल्प
वाराणसी ग्लास बीड्स