एसयूवी की सफलता के बाद ज्यादातर ऑटोमोबाइल कंपनियों का फोकस सेडान पर शिफ्ट हो रहा है। ह्युंडई, होंडा, टाटा मोटर्स, टोयोटा और स्कोडा जैसी कंपनियां इनमें शामिल हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि बीते साल के मुकाबले इस वर्ष सेडान की बिक्री करीब 35% बढ़कर 4.74 लाख तक पहुंच सकती है। किसी भी अन्य सेगमेंट की कार में इतनी ग्रोथ का अनुमान नहीं है।
होंडा कार्स इंडिया नए सिरे से लॉन्च सिटी पर दांव लगा रही है। ह्युंडई को उम्मीद है कि नई वरना की जोरदार बिक्री हो सकती है। इस बीच टोयोटा किर्लोस्कर ने नई सेडान बेल्टा लॉन्च की है। उधर चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी बीवाईडी भारत में इसी साल सील सेडान उतारने वाली है। श्कोडा पिछले साल स्लाविया के साथ भारत के प्रीमियम सेडान मार्केट में नए दमखम के साथ उतरी और फॉक्सवैगन ने वर्चुस पर दांव लगाया।
सेडान पर फोकस इन कारणों से
हाल के सालों में कम बिकीं सेडान
(स्रोत: जैटो डायनेमिक्स, फाडा, कार कंपनियां)
ट्रेंड पलटने का संकेत
एसएंडपी ऑटोमोटिव्स के गौरव वंगाल ने कहा, ‘हाल के वर्षों में सेडान सेगमेंट में कम ही नई कारें लॉन्च हुई हैं, जबकि भारतीयों के बीच नए मॉडल की कारों को लेकर खास आकर्षण होता है। अब चूंकि नई सेडान बाजार में आ रही हैं, लिहाजा ट्रेंड इनकी तरफ शिफ्ट होता नजर आ रहा है।’
सेडान की बिक्री दोगुनी तक होने का अनुमान
टाटा मोटर्स के मुताबिक, इस साल अब तक उसकी सेडान कारों की बिक्री 86% बढ़ी है। होंडा की एंट्री-लेवल सेडान अमेज की बिक्री करीब 38%, जबकि सिटी की 32% बढ़ी है। हुंडई का अनुमान है कि इस साल उसके सेडान मॉडलों की बिक्री लगभग दोगुनी हो जाएगी।