इंडियन प्रीमियर लीग का 16वां सीजन कल से शुरू हो रहा है। गुजरात टाइटंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच अहमदाबाद में सीजन का पहला मैच होगा। करीब 15 साल पहले 18 अप्रैल 2008 को KKR और RCB के बीच टूर्नामेंट इतिहास का पहला मैच खेला गया था।
तब से लेकर अब तक क्रिकेट में कई बदलाव आए। IPL और इंटरनेशनल क्रिकेट ने कई एडवांस्ड रूल और बैटर्स ने अटैकिंग अप्रोच को अपना लिया। इन सालों में वनडे मैचों की संख्या घटी तो टी-20 मैच लगातार बढ़ते चले गए। सबसे लंबे और चैलेंजिंग फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट के 80% मैचों के नतीजे आए। यहां तक कि दुनियाभर के देशों में IPL के अलावा भी 10 फ्रेंचाइजी लीग शुरू हो गईं।
IPL स्पेशल स्टोरीज की इस सीरीज में आज हम इन 15 सालों में क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में आए बदलावों पर नजर डालेंगे। साथ ही जानेंगे कि फटाफट क्रिकेट की इस लीग ने भारतीय क्रिकेट को क्या कुछ खास गिफ्ट दिए…
टी-20 के 5 साल बाद आया IPL
2003 में इंग्लैंड के ‘ट्वेंटी-20 कप’ में पहली बार टी-20 मैच खेला गया, जो आगे चलकर ”’नेटवेस्ट टी-20 ब्लास्ट’ बना। 17 फरवरी 2005 को ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के बीच पहला टी-20 इंटनरेशनल हुआ। 2 साल बाद साउथ अफ्रीका में इस फॉर्मेट का वर्ल्ड कप खेला गया और अगले ही साल भारत में इस फॉर्मेट की फ्रेंचाइजी लीग (IPL) भी शुरू हो गई।
IPL के आने से पहले वनडे और टेस्ट क्रिकेट ही बहुत ज्यादा होता था। लेकिन IPL के बाद दुनियाभर में टी-20 क्रिकेट आकर्षक हुआ। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल और दुनियाभर के बाकी क्रिकेट बोर्ड ने भी इस पर ध्यान दिया और इसी हिसाब से अपनी टीमों के मैच और शेड्यूल भी तय किए। नतीजे ये सामने आए कि टेस्ट मैचों की संख्या में तो कुछ खास बदलाव नहीं हुआ। लेकिन वनडे मैच कम हो गए और टी-20 में टीमों के साथ मैचों की संख्या भी बहुत हद तक बढ़ गई।
ट्वेंटी-20 कप का पहला सीजन साल 2003 में सर्रे ने जीता था।
वनडे घटे, टी-20 तेजी से बढ़े
आंकड़ों पर नजर डालें तो 2003 से 2007 तक 221 टेस्ट, 733 वनडे और 50 टी-20 मैच खेले गए। 2008 से 2012 के 5 सालों में 212 टेस्ट, 654 वनडे और 248 टी-20 हुए। उसके बाद के 5 सालों में 222 टेस्ट, 631 वनडे और 338 टी-20 इंटरनेशनल खेले गए। इस दौरान टी-20 की टीमें भी बढ़ गईं।
लेकिन पिछले 5 सालों में टी-20 क्रिकेट के मैच बढ़कर 1401 हो गए, इस दौरान 2 टी-20 वर्ल्ड कप भी हो गए। वहीं वनडे मैच घटकर 609 रह गए। जबकि टेस्ट पर कुछ खास असर नहीं हुआ और इस दौरान सबसे लंबे फॉर्मेट के 210 मैच खेले गए।