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फ्रांस में रिटायरमेंट एज बढ़ाने वाला बिल अब कानून बना:मैक्रों सरकार ने दोनों अविश्वास मत जीते; लोगों का प्रदर्शन जारी

फ्रांस की सरकार दोनों अविश्वास मत जीत गई है। रिटायरमेंट एज बढ़ाने को लेकर फ्रांस सरकार के खिलाफ दो अविश्वास प्रस्ताव लाए गए थे। इसी के साथ रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने वाला बिल अब कानून बन गया है। आसान शब्दों में कहें तो- अब कानूनी तौर पर रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़कर 64 हो गई है।

भारतीय समय के मुताबिक, सोमवार देर रात फ्रांस की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। इसे पास होने के लिए 287 वोट चाहिए थे, लेकिन 278 वोट ही मिले। अगर प्रस्ताव पास हो जाता तो मैक्रों सरकार गिर जाती और नया चुनाव करवाया जाता। वहीं, रिटायरमेंट एज बढ़ाने वाले बिल के कानून बनने के बाद भी लोगों का प्रदर्शन जारी है।

ये तस्वीर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले की है। पेरिस में लोगों ने नई पेंशन योजना के विरोध में प्रदर्शन करते हुए टायर जलाए।

ये तस्वीर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले की है। पेरिस में लोगों ने नई पेंशन योजना के विरोध में प्रदर्शन करते हुए टायर जलाए।

ये तस्वीर नेशनल असैंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान की है। यहां कई सांसदों ने भी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

ये तस्वीर नेशनल असैंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान की है। यहां कई सांसदों ने भी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

ये तस्वीर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद की है। लोगों ने काले कपड़े पहनकर सरकार और रिटायरमेंट एज बढ़ाए जाने का विरोध किया।

ये तस्वीर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद की है। लोगों ने काले कपड़े पहनकर सरकार और रिटायरमेंट एज बढ़ाए जाने का विरोध किया।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे।

नेशनल असैंबली में बिना वोटिंग पास हुआ था बिल, इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया गया
16 मार्च को फ्रांस की नेशनल असैंबली में प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न ने संवैधानिक ताकत का इस्तेमाल करते हुए बिना वोटिंग के ही बिल पास करवा दिया था। PM ने आर्टिकल 49.3 का इस्तेमाल किया जिसके तहत बहुमत न होने पर सरकार के पास बिना वोटिंग के बिल पास कराने का अधिकार है। इसके बाद विपक्षी नेता मरीन ले पेन ने इमैनुएल मैक्रों की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी।

अब 43 साल काम करना जरूरी
‘फ्रांस 24’ की रिपोर्ट के मुताबिक, नई पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का फैसला लिया गया। इस योजना के तहत पूरी पेंशन के लिए जरूरी न्यूनतम सेवा काल की अवधि भी बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने बताया कि नई पेंशन योजना के प्रस्तावों के तहत 2027 से लोगों को पूरी पेंशन लेने के लिए कुल 43 साल काम करना होगा। अभी तक ये न्यूनतम सेवा काल 42 साल था।

सरकार इसे फ्रांस की शेयर-आउट पेंशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में बता रही है। सरकार का कहना है कि काम करने वालों और सेवानिवृत्त लोगों के बीच का अनुपात तेजी से कम हो रहा है। जिसे देखते हुए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। ज्यादातर यूरोपियन कंट्रीज ने रिटायरमेंट एज बढ़ाई है। इटली और जर्मनी में रिटायरमेंट की उम्र 67 साल है। स्पेन में ये 65 साल है। ब्रिटेन में रिटायरमेंट की उम्र 66 साल है।

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फ्रांस में सफाईकर्मी हड़ताल पर हैं। इसकी वजह से पेरिस समेत कई शहरों में जगह-जगह कचरे का अंबार दिखाई दे रहा है। ‘फ्रांस 24’ की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी पेरिस की सड़कों पर एक हफ्ते में करीब 5,600 टन कचरा जमा हो गया है।

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