चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने सोमवार रात मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात की। पुतिन ने राष्ट्रपति भवन (क्रेमलिन) में जिनपिंग का स्वागत किया। कहा- वेलकम, डियर फ्रेंड। मैंने जंग खत्म करने वाले आपके पीस प्लान को अच्छे से पढ़ा है। हम दोनों इस बारे में जल्द चर्चा भी करेंगे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साढ़े चार घंटे चली इंफॉर्मल मीटिंग में जिनपिंग ने रूस को रिलायबल पार्टनर बताया। दोनों लीडर्स ने साथ में डिनर भी किया। पुतिन और जिनपिंग की नजदीकियां काफी गहरी हैं। ये डिनर के बाद भी देखने को मिलीं। पुतिन पर्सनल तौर पर जिनपिंग को उनकी गाड़ी तक छोड़ने गए। इसका एक वीडियो सामने आया। इसमें जिनपिंग होटल जाने के लिए क्रेमलिन से रवाना होते हुए दिख रहे हैं। पुतिन भी उनके साथ हैं। वो जिनपिंग की कार तक उनके साथ गए।
रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद जिनपिंग पहली बार 20 मार्च को दो दिवसीय दौरे पर मॉस्को पहुंचे। आज उनकी विजिट का दूसरा दिन है। देर शाम दोनों लीडर्स के बीच ऑफिशियल बातचीत होगी।
रूसी राष्ट्रपति भवन- क्रेमलिन में पुतिन ने जिनपिंग का स्वागत किया।
जंग खत्म करवाना चाहते हैं जिनपिंग
क्रेमलिन पहुंचे जिनपिंग ने पुतिन से मुलाकात करने से पहले कहा था- मेरी विजिट का मकसद जंग खत्म कराना है। हल ऐसा निकलना चाहिए जो दोनों पक्षों को मंजूर हो। मैं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की से भी बातचीत करूंगा। जिनपिंग चाहते हैं कि वो पुतिन और जेलेंस्की को कम से कम सीजफायर पर राजी करा लें। इसके बाद डिप्लोमैटिक चैनल्स खुल जाएंगे और चीन ग्लोबल लीडर कहलाने लगेगा।
सोमवार रात हुई पुतिन और जिनपिंग की बैठक साढ़े 4 घंटे चली। इसके बाद दोनों लीडर्स ने डिनर किया।
बाइलैटरल डॉक्यूमेंट पर साइन करेंगे
रूसी अधिकारियों के मुताबिक, दोनों लीडर्स रूस और चीन के बीच व्यापक और रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में रूसी-चीनी सहयोग को गहरा करने पर भी बातचीत होगी। इसके अलावा जिनपिंग और पुतिन एक अहम बाइलैटरल डॉक्यूमेंट पर साइन करेंगे। इस डॉक्यूमेंट से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी गई।
तीन महीने पहले दोनों नेताओं ने फोन पर बात की थी
30 दिसंबर 2022 को शी जिनपिंग और व्लादिमिर पुतिन की 8 मिनट तक वीडियो कॉल पर बात हुई थी। इस दौरान पुतिन ने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने को कहा था। इस पर शी जिनपिंग ने कहा था कि दुनिया में जारी मुश्किल हालात के बीच चीन रूस को रणनीतिक सहयोग देने के लिए तैयार है।
‘नो लिमिट’ समझौते ने दोनों देशों को बनाया पक्का साझेदार
यूक्रेन में जंग शुरू करने के बाद दोनों देशों ने ‘नो लिमिट’ रणनीतिक साझेदारी साइन की थी। यूरोपियन देशों की पाबंदी के बाद चीन ने रूसी तेल और गैस की खरीद दो बढ़ा दिया है। इसके बदले में रूस भी ताइवान के मामले पर चीन का साथ दे रहा है। चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा बताते आया है। वहीं, पुतिन ने भी ताइवान को चीन का अभिन्न हिस्सा माना है।
राष्ट्रपति बनने के बाद पहले विदेश दौरे पर रूस पहुंचे थे जिनपिंग
2012 में चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद जिनपिंग अपने पहले विदेश दौरे पर रूस गए थे। वे मार्च 2013 में मॉस्को पहुंचे थे। चीन ने हमेशा रूस का साथ दिया है। सितंबर 2022 में समरकंद में SCO बैठक हुई थी। तब शी जिनपिंग और पुतिन की मुलाकात हुई थी।
वहीं, 4 फरवरी 2022 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन विंटर ओलिंपिक्स की इनॉगरेशन सेरेमनी के लिए बीजिंग पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था कि रूस ‘वन चाइना पॉलिसी’ का समर्थन करता है। दोनों देशों ने एक दूसरे के हितों की रक्षा के लिए सहयोग की बात भी कही थी। इसमें उनकी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और घरेलू मामलों में किसी अन्य देश का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करना शामिल है।