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लेंसकार्ट ने जुटाई 4 हजार करोड़ रुपए की फंडिंग:अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के साथ एग्रीमेंट साइन किया, IPO लाने का भी प्लान

आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट ने 500 मिलियन डॉलर (करीब 4 हजार करोड़ रुपए) जुटाने के लिए अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) के साथ एग्रीमेंट साइन किया है। बुधवार को कंपनी ने इसकी घोषणा की। लेंसकार्ट ने 4.5 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर ये फंड रेज किया है। ADIA ने लेंसकार्ट में अपने पिछले राउंड में भी इसी वैल्यूएशन पर निवेश किया था।

लेंसकार्ट ने कहा कि ADIA प्राइमरी और सेकंडरी दोनों शेयरों की खरीद के माध्यम से निवेश करेगा। इसके साथ ही ADIA लेंसकार्ट के बड़े शेयरहोल्डर्स में से एक बन जाएगा। इस फंडिंग के साथ, लेंसकार्ट ने 2022 से करीब 750 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। लेंसकार्ट में केकेआर एंड कंपनी, सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प, टेमासेक होल्डिंग्स पीटीई जैसे इन्वेस्टर्स की भी हिस्सेदारी है।

इंटरनेशनल प्रजेंस बढ़ाने में होगा फंड का इस्तेमाल
नई फंडिंग का इस्तेमाल कंपनी भारत में अपनी पहुंच को गहरा करने और एशिया और मध्य पूर्व में अपनी इंटरनेशनल प्रजेंस को बढ़ाने के लिए करेगी। लेंसकार्ट के अभी 2,000 से ज्यादा स्टोर हैं, जिनमें से 1,500 भारत में और बाकी दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में हैं। लेंसकार्ट की नई फैक्ट्री भी जल्द लॉन्च होगी। इसमें आईवियर के 2 करोड़ पेयर मैन्युफैक्चर हो सकेंगे।

2010 में लेंसकार्ट की शुरुआत की थी
पीयूष बंसल ने अमित चौधरी के साथ 2010 में लेंसकार्ट की शुरुआत की थी। लेंसकार्ट आईवियर ग्लैसेज और लेंस लीवरेजिंग टेक्नोलॉजी बेचता है। बंसल 48 महीनों के भीतर इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO लाने की भी योजना बना रहे हैं।

पसंदीदा काम की खोज में लौटे थे देश
पियूष अमेरिका की टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में काम करते थे। कुछ नया करने के लिए वह साल 2007 में इंडिया वापस आ गए। उनके इस फैसले से उनके पैरेंट्स बहुत परेशान हुए, लेकिन पियूष ने अपने पसंद के काम की खोज जारी रखी। उन्होंने सबसे पहले सर्च पोर्टल माय कैंपस डॉट कॉम की शुरूआत की। इस वेबसाइट पर स्टूडेंट्स को लिए अकोमॉडेशन्स, बुक्स, कारपूल सर्विसेस और पार्टटाइम जॉब्स के बारे में जानकारी मिलती थी।

ऑनलाइन बिजनेसेज की सफलता को देखते हुए उन्होंने एक साथ कई प्रयोग करने का फैसला लिया और लेंसकार्ट डॉट कॉम, जूलरी डॉट काम, वॉचकार्ट डॉट कॉम, बैग्स डॉट कॉम जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की शुरूआत की। थोड़े समय बाद इन सभी प्लेटफॉर्म्स पर कस्टमर्स के फीडबैक्स के आधार पर उन्होंने लेंसकार्ट डॉट कॉम पर अधिक ध्यान देना शुरू किया।

ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन प्रेजेंस भी
आज भारत के सभी मुख्य शहरों में लेंसकार्ट के ऑफलाइन स्टोर्स हैं। पियूष का मानना है कि यदि आप एक आंत्रप्रेन्योर हैं तो आपकी लाइफ में संघर्ष तो होगा, लेकिन यह आप पर निर्भर करेगा कि आप किस हद तक आगे बढ़ना चाहते हैं और आपके लिए टॉप पर पहुंचना कितना जरूरी है। यंग आंत्रप्रेन्योर्स को पियूष यह सलाह देते हैं कि वे पहले ही दिन से खुद को बॉस न समझें।

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