थोक महंगाई दर (WPI) फरवरी में घटकर 3.85% आ गई है। यह 25 महीने का निचला स्तर है। जनवरी 2023 में थोक महंगाई दर 4.73% रही थी। दिसंबर में थोक महंगाई दर 4.95% रही थी। आलू, प्याज, फ्यूल जैसे आइटम के सस्ते होने से महंगाई में ये गिरावट आई है। फरवरी 2021 में ये 4.83% और जनवरी 2021 में ये 2.03% थी।
इससे पहले सोमवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए थे जिसके मुताबिक फरवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.44% पर आ गई है।
WPI का आम आदमी पर असर
थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहना चिंता का विषय है। ये ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर को प्रभावित करती है। यदि थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक उच्च रहता है, तो प्रड्यूसर इसे कंज्यूमर्स को पास कर देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है।
जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कर सकती है, क्योंकि उसे भी सैलरी देना होता है। WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है।
रिटेल महंगाई भा कम हुई
कल फरवरी महीने के रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी हुए थे। फरवरी में रिटेल महंगाई घटकर 6.44% पर आ गई है। जनवरी 2023 यह 6.52% और दिसंबर 2022 में 5.72% पर रही थी।