बुधवार 15 मार्च को सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन होगा। सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे, इस वजह से 14 अप्रैल तक खरमास रहेगा। खरमास में सूर्य अपने गुरु बृहस्पति की सेवा में रहते हैं, इस वजह से इस माह में शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक खरमास में दान-पुण्य, तीर्थ स्नान और मंत्र करने की परंपरा है। 15 मार्च को मीन संक्रांति होने से इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा जरूर करें। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य देव तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। इसके लिए लोटे में जल के साथ लाल फूल, चावल भी डाल लेना चाहिए।
जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो ज्योतिष में इसे संक्रांति या संक्रमण कहा जाता है। 15 मार्च सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा तो इस दिन मीन संक्रांति मनाई जाएगी। संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। स्नान के बाद दान-पुण्य करना चाहिए।
श्रीकृष्ण ने भी की है सूर्य पूजा
सूर्य पंच देवों में से एक हैं। पंच देवों में गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी, देवी दुर्गा और सूर्य देव शामिल हैं। भविष्य पुराण के ब्राह्म पर्व में श्रीकृष्ण और सांब (श्रीकृष्ण के पुत्र) की बातचीत बताई गई है। इस प्रसंग में श्रीकृष्ण ने सांब को सूर्य पूजा करने के लिए प्रेरित किया है। श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो लोग सूर्य पूजा करते हैं, उन्हें ज्ञान, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। मैंने भी सूर्य पूजा की है।
ऐसे कर सकते हैं सूर्य देव की सरल पूजा
खरमास में रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद उगते सूर्य को जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद सूर्य मंत्रों का जप करना चाहिए। सूर्य मंत्र – ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ भास्कराय नम:, ऊँ आदित्याय नमः, ऊँ दिनकराय नमः, ऊँ दिवाकराय नमः, ऊँ खखोल्काय स्वाहा इन मंत्रों का जप किया जा सकता है।
खरमास में करें ये शुभ काम
खरमास में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें। गायों को हरी घास खिलाएं। जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। अभी गर्मी शुरू हो जाएगी, ऐसे में जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पल और छाते का दान करें।
सूर्य देव चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक, लाल चंदन का दान करें।
रोज सुबह शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र और फूलों से शिवलिंग का श्रृंगार करें। किसी मंदिर में पूजन सामग्री का दान करें।
हनुमान जी के सामने धूप-दीप जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप बाल गोपाल का अभिषेक करें और माखन-मिश्री, तुलसी का भोग लगाएं।