सरकार ने एक लीडिंग थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) का फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है। न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक फंडिंग नॉर्म्स के उल्लंघन को लेकर पिछले हफ्ते ये लाइसेंस सस्पेंड किया गया है।
सीपीआर फाइलिंग से पता चलता है कि अक्टूबर से दिसंबर 2022 की अवधि में उनके अकाउंट में 10.1 करोड़ रुपए FCRA रिसीव हुआ था। इसमें बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट और ड्यूक यूनिवर्सिटी से मिला डोनेशन शामिल है। इसे इंडियन काउंसिल फॉर सोशल साइंस रिसर्च (ICSSR) से भी ग्रांट मिलता है। ये डिपोर्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से मान्यता प्राप्त संस्थान है।
इनकम टैक्स सर्च की फाइंडिंग के बाद लाइसेंस सस्पेंड
वहीं इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि सीपीआर पर इनकम टैक्स सर्च की फाइंडिंग के बाद एफसीआरए लाइसेंस सस्पेंड हुआ है। मंत्रालय ने थिंक टैंक से एफसीआरए-आधारित फंड के संबंध में स्पष्टीकरण और दस्तावेज मांगे है। हालांकि, सीपीआर के अधिकारियों ने कहा कि उनका एफसीआरए आवेदन अभी भी रिन्यूअल प्रोसेस में है और उन्हें वे लाइसेंस के सस्पेंड की जानकारी नहीं है।
पहले ऑक्सफैम इंडिया का लाइसेंस सस्पेंड हुआ था
सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया पर पिछले साल सितंबर में इनकम टैक्स के छापे के बाद सीपीआर का एफसीआरए लाइसेंस जांच के दायरे में था। ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल जनवरी में सस्पेंड कर दिया गया था। सीपीआर का नेतृत्व यामिनी अय्यर कर रही हैं जो विवादास्पद कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी हैं।
एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया कि कई एनजीओ के रिव्यू और रिन्यूअल एप्लिकेशन अभी भी प्रोसेस में हैं और पिछले छह महीनों में 200 से ज्यादा एनजीओ के लाइसेंस रद्द या लैप्स हो गए हैं। इस साल की शुरुआत में, 6,000 से अधिक एनजीओ, जिनके लाइसेंस वापस ले लिए गए थे, ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, टॉप कोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया।