नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को सीएए विरोधी प्रदर्शनों और संदिग्ध माओवादी लिंक से संबंधित एक मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है। साथ ही गोगोई की याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जवाब मांगा है।
विधायक कथित रूप से नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं। उन्होंने गुवाहटी उच्च न्यायालय के 9 फरवरी के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमें दो मामलों में से एक में असम में विशेष एनआईए अदालत को आरोप तय करने के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी गई थी।
सांसद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने दलीलें पेश कीं। न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने सुनवाई के बाद मंगलवार को आदेश दिया, ‘इस बीच याचिकाकर्ता गोगोई को 14 दिसंबर 2019 को पुलिस स्टेशन एनआईए, गुवाहाटी में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तारी से बचाया जाएगा।’
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने एनआईए को गोगोई और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ विशेष अदालत में सीएए विरोधी प्रदर्शनों और संदिग्ध माओवादी लिंक के संबंध में आरोप तय करने की अनुमति दी थी।
उच्च न्यायालय का आदेश एनआईए की एक अपील पर आया था, जिसमें चारों को क्लीन चिट देने वाली विशेष एनआईए कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति सुमन श्याम और न्यायमूर्ति मालाश्री नंदी की खंडपीठ ने एजेंसी से मामले को फिर से खोलने के बाद आरोप तय करने के लिए कहा था।