आपने नौकरी बदल ली या कुछ समय के लिए ब्रेक ले लिया। ऐसे में ग्रुप हेल्थ कवर समाप्त हो जाता है। इसको लेकर आप चिंतित होंगे, लेकिन आप अपने एम्पलॉयर द्वारा उपलब्ध कराया गया हेल्थ इंश्योरेन्स प्लान जारी भी रख सकते हैं। आइए ऑनश्योरिटी के संस्थापक एवं सीईओ योगेश अग्रवाल से जानते हैं कि ये कैसे होगा।
ग्रुप पॉलिसी को इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी में बदलें
आईआरडीएआई के मुताबिक, कर्मचारी ग्रुप पॉलिसी को इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी पर माइग्रेट कर सकता है। इस तरह ग्रुप हेल्थ कवर के फायदे भी माइग्रेट हो जाते हैं। वेटिंग पीरियड के फायदे शामिल हैं, जो आपको एम्पलॉयर द्वारा उपलब्ध कराई गई ग्रुप पॉलिसी में मिल रहे थे।
ग्रुप से इंडिविजु़अल प्लान में ऐसे पोर्ट करें
- बीमा कंपनी के पास पॉलिसी पोर्ट करने के लिए आवेदन करें। ये आवेदन नौकरी के अंतिम दिन से कम से कम 45 दिन पहले देना चाहिए।
- नौकरी छोड़ने के 5 दिन बाद तक आप कंपनी को जानकारी दे सकते हैं कि आप ग्रुप पॉलिसी को इंडिविज़ुअल पॉलिसी में माइग्रेट करना चाहते हैं।
- बीमा कंपनी नई पॉलिसी जारी करने से पहले अतिरिक्त दस्तावेज और जानकारियां मांग सकती है। आपको ये उपलबध कराने होंगे।
- ये पूरी तरह बीमा कंपनी पर निर्भर है कि वो रिटेल पॉलिसी जारी करना चाहती है या नहीं।
पॉलिसी पोर्ट के फायदे
- वेटिंग पीरियड से मुक्ति। यानी आप कभी भी क्लेम कर सकते हैं। नई पॉलिसी में 30 दिन से लेकर 48 महीने तक का वेटिंग पीरियड होता है।
- नई पॉलिसी में किसी बीमारी के उपचार के लिए वेटिंग पीरियड ग्रुप पॉलिसी से ज्यादा हो तो बीमा कंपनी को पोर्टिंग के समय अनिवार्य रूप से इसकी जानकारी देनी होती है।