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क्या शास्त्री की बात मानेंगे विराट-रोहित:पूर्व कोच ने दोनों को दी रणजी खेलने की सलाह, ताकि स्पिन के खिलाफ बैटिंग सुधरे

भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज का आखिरी मुकाबला 24 जनवरी को है। वहीं, रणजी ट्रॉफी में अगले राउंड के मुकाबले भी इसी दिन शुरू हो रहे हैं। पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री की ओर से सलाह आई कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों को इस वनडे की जगह अपनी-अपनी घरेलू टीमों के लिए रणजी मैच खेलना चाहिए। अगले महीने से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू हो रही है। इस सीरीज की प्रैक्टिस के लिए रणजी मैच खेलना अच्छा उपाय हो सकता है।

विराट और रोहित यह सलाह मानेंगे या नहीं यह हमें अगले कुछ घंटों में पता चल ही जाएगा। अब तक इसको लेकर खिलाड़ियों का BCCI का कोई बयान आया नहीं है। इससे यही उम्मीद है कि हमारे स्टार वनडे को ही तरजीह देंगे। हालांकि, बैटिंग का एक पहलू जरूर ऐसा है जिससे आधार पर लगता है कि दोनों सितारों को घरेलू मैच जरूर खेलना चाहिए। विराट और रोहित दोनों ही हाल के समय घरेलू पिचों पर स्पिन के खिलाफ लड़खड़ाने लगे हैं। पिछले दो वनडे मैच को ही याद कीजिए। विराट को मिचेल सैटनर की गेंद समझ नहीं आ रही थी।

इस स्टोरी में हम पहले तो स्पिनर्स के खिलाफ विराट और रोहित की भारतीय पिचों पर पिछले दो साल के रिकॉर्ड को देखेंगे। फिर यह समझने की कोशिश करेंगे कि ये दोनों घरेलू क्रिकेट में क्यों नहीं खेलते हैं?./i>.

सबसे पहले देखते है भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का शेड्यूलअब यह जानते हैं कि स्पिन के खिलाफ अच्छा खेलने की जरूरत क्यों है…
आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारत में स्पिन ट्रैक बनाए जाते हैं। घूमती गेंदें विदेशी बल्लेबाजों को कन्फ्यूज करती हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इन पिचों पर हमारे बल्लेबाज दुनिया के किसी भी स्पिनर को अच्छा खेल लेंगे और हम सीरीज जीत लेंगे। घर में स्पिन पिच बनवाने का फैसला हमें रास भी आता रहा है। 2012 के बाद भारतीय टीम घरेलू पिचों पर कोई टेस्ट सीरीज नहीं हारी है।

आप कहेंगे कि जब लगातार जीत ही रहे हैं तो फिर विराट और रोहित को लेकर डिबेट ही क्यों? डिबेट इसलिए है क्योंकि स्पिनर्स के सामने ये लगातार फेल हो रहे हैं। हाल-फिलहाल ऋषभ पंत अपनी शानदार बैटिंग से इनकी विफलताओं को ढक लेते थे। इस बार पंत नहीं हैं। इसलिए भारतीय टॉप ऑर्डर के पास फेल होने का ऑप्शन नहीं है।

क्या कहते हैं विराट और रोहित के आकंड़े

  • रोहित शर्मा : साल 2020 से अब तक भारत में खेले टेस्ट मैचों में कुल 9 बार आउट हुए हैं। इसमें से 6 बार उन्हें स्पिनर्स ने आउट किया है। इन 6 में 5 बार रोहित को लेफ्ट आर्म स्पिनर ने आउट किया है। सबसे ज्यादा जैक लीच ने चार बार आउट किया है।
  • विराट कोहली: 2022 से अब तक देश में खेले टेस्ट मैचों में 11 बार आउट हुए हैं। 9 बार स्पिनर्स ने आउट किया। इनमें से 5 दफा लेफ्ट आर्म स्पिनर और 4 बार राइट आर्म स्पिनर ने आउट किया है। स्पिनर्स में मोइन अली ने सबसे ज्यादा 2 बार आउट किया है।

इतनी दिक्कत फिर क्यों नहीं खेलते घरेलू मैच
इसके पीछे बहुत ज्यादा क्रिकेट को कारण बताया जाता है। यह कहा जाता है कि भारतीय खिलाड़ी, खासकर विराट और रोहित ऑल फॉर्मेट प्लेयर्स हैं। इसके अलावा ये IPL भी खेलते हैं। ऐसे में अगर घरेलू क्रिकेट भी खेलेंगे तो बर्न आउट हो जाएंगे।

तर्क सुनने में सही लगता है, लेकिन यह भी ध्यान देना चाहिए ये खिलाड़ी ब्रेक भी तो बहुत लेते हैं। घरेलू क्रिकेट न खेलने की वजह से स्पिन के खिलाफ इनकी प्रैक्टिस बहुत कम हो जाती है। विदेशी दौरों पर पिचें ज्यादातर फास्ट बॉलिंग की मददगार होती है। लिहाजा बाहर स्पिन का अभ्यास नहीं मिलता। दूसरी ओर घर में व्हाइट बॉल क्रिकेट खेलकर टेस्ट क्रिकेट के लायक स्पिन का अभ्यास नहीं हो सकता है।

सचिन भी जरूरत के हिसाब खेलते थे घरेलू क्रिकेट
ज्यादा क्रिकेट की समस्या सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के खेलने के जमाने में भी रही थी। तब टी-20 नहीं था, लेकिन वनडे मैच बहुत होते थे। इसके बावजूद सचिन तेंदुलकर जैसा सीनियर और दिग्गज खिलाड़ी जरूरत के हिसाब से घरेलू क्रिकेट खेलता था। 1998 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आई थी। टेस्ट सीरीज से पहले ऑस्ट्रेलिया का अभ्यास मैच मुंबई से था। सचिन इस मैच में मुंबई के लिए खेले थे, ताकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के लिए तैयारी अच्छी हो सके।

इसके अलावा भी वे कई मुंबई के लिए रणजी के सेमीफाइनल, फाइनल जैसे नॉकआउट मुकाबलों में उतरे। द्रविड़ और लक्ष्मण भी भारतीय स्टार बन जाने के बावजूद अक्सर घरेलू क्रिकेट खेलते रहते थे। इससे भारतीय परिस्थितियों में रेड बॉल के खिलाफ इनकी बैटिंग की धार बनी रहती थी।

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