24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग जारी है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का कहना है कि जंग में जीत उनकी ही होगी। सेंट पीटर्सबर्ग में मिलिट्री फैक्ट्री वर्रकर्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- जंग में हमारी जीत पक्की है। मुझे इस बात पर कोई डाउट नहीं है।
उन्होंने कहा- इस युद्ध में रूसी लोगों की एकजुटता, हमारे सैनिकों का साहस और वीरता, साथ ही मिलिट्री इंडस्ट्री सेक्टर का काम इस जंग में हमें जीत दिलाएगा। इस दौरान उन्होंने सैनिकों और डिफेंस सेक्टर में काम करने वालों की हौसलाफजाई भी की। सोवियत सेना की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर पुतिन सेंट पीटर्सबर्ग के दौरे पर गए हुए थे। पहले इस शहर को लेनिनग्राद के नाम से जाना जाता था। 80 साल पहले 1942 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर के आदेश पर जर्मन सैनिक लेनिनग्राद के दरवाजे पर पहुंच गए थे और इस शहर में भारी तबाही मचाई थी। लेकिन रूसी सेना ने लेनिनग्राद पर अपनी जीत दर्ज कर ली थी।
सोवियत सेना की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर पुतिन सेंट पीटर्सबर्ग गए हुए थे।
यूक्रेन को सपोर्ट की जरूरत : नाटो महासचिव स्टोलटेनबर्ग
पुतिन के जंग में जीत हासिल करने वाले ऐलान के बाद नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो के मेंबर्स रूस का सामना करने के लिए यूक्रेन को हथियार देंगे। स्विट्जरलैंड के दावोस में हो रही वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की बैठक में स्टोलटेनबर्ग ने कहा-यूक्रेन को हथियार और सपोर्ट की जरूरत है। अगर हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं तो हमें यूक्रेन को आज हथियार देने ही होंगे। यही शांति लाने का एकमात्र तरीका है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग में जेलेंस्की ने नाटो मेंबर्स से रूसी हमलों से बचने के लिए जल्द हथियार देने की मांग की।
जंग रोकने में चीन की मदद चाहते हैं जेलेंस्की
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग के दौरान चीनी प्रतिनिधिमंडल को एक पत्र सौंपा गया। ये पत्र यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से जंग के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए लिखा है। जेलेंस्की चाहते हैं कि चीन जंग रोकने के लिए मध्यस्थता करे। वो जंग की शुरुआत से कई बार जिनपिंग से बातचीत करने की कोशिश कर चुके हैं। वो चाहते हैं कि जिनपिंग जंग रुकवाने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात करें।
चीन और रूस के आपसी संबंध काफी मजबूत रहे हैं। बीजिंग विंटर ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन तीन फरवरी को चीन गए थे। रूस की तरह चीन को भी नाटो के विस्तार पर आपत्ति है। चीन, रूस के साथ मिलकर पश्चिमी लोकतंत्र के ग्लोबल मॉडल को कमजोर करने के लिए साथ काम कर सकते हैं। ये बताता है कि रूस-चीन साथ खड़े हैं।
चीन से सैन्य सहयोग बढ़ाना चाहता है रूस;पुतिन ने शी जिनपिंग से 8 मिनट बात की, फरवरी में मॉस्को आने का न्योता भी दिया
कोरोना और यूक्रेन युद्ध के बीच शी जिनपिंग और व्लादिमिर पुतिन की शुक्रवार को वीडियो कॉल के जरिए बात हुई। पुतिन ने शी जिनपिंग से कहा, ‘डियर चेयरमैन बसंत के मौसम में आपके मॉस्को आने की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि दोनों देशों की करीबी को दुनिया के सामने दिखाया जा सके’।
रूस के समर्थन में खुलकर सामने आया चीन; दुनिया को डर- अब चीन कहीं ताइवान पर हमला न कर दे
राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के आदेश पर रूसी सेनाओं ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया है। ये तो पहले से ही साफ था कि जंग छिड़ने पर यूक्रेन के साथ अमेरिका और बाकी नाटो देश होंगे, तो रूस के साथ चीन खड़ा होगा। अब डर इस बात का है कि कहीं ताइवान को हथियाने के लिए चीन भी युद्ध का रास्ता न अपना ले।
रूस-चीन ने यूक्रेन पर हमले से 6 दिन पहले 10 करोड़ टन कोयले की डील की, चीन की सबसे ज्यादा तेल खरीदारी भी रूस से
यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमला करने के बाद रूस पर पश्चिमी देशों ने कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए। और ये प्रतिबंध लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। इन देशों की कोशिश है कि रूस की इकोनॉमी को गहरी चोट पहुंचाकर उसे रोका जाए। लेकिन, रूस को भी इस बात का अंदाजा था कि उसपर ये प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इसी वजह से उसने इनसे निपटने के लिए अपनी तैयारी की थी। इन तैयारियों में उसकी मदद की उसके शक्तिशाली आर्थिक सहयोगी चीन ने जिसके साथ उसकी करीबी बीते सालों में काफी ज्यादा बढ़ी है।