दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आज दूसरा और आखिरी दिन है। आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने पर मुहर लग सकती है। इसके बाद शाम 4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमाम पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। मोदी की स्पीच को मार्गदर्शन वक्तव्य कहा गया है। इसके बाद दो दिन की यह मीटिंग खत्म हो जाएगी।
पहले दिन यानी सोमवार की मीटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद मार्ग के पटेल चौक से लेकर NDMC कन्वेंशन सेंटर तक 15 मिनट का रोड शो किया। इसके बाद मोदी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि PM ने हर कमजोर बूथ पर मजबूती से काम करने को कहा है। देशभर में ऐसे 72 हजार बूथ की पहचान की गई है।
दिल्ली के NDMC कन्वेंशन सेंटर में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के दौरान मंच पर बैठे PM नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा।
दिल्ली के NDMC कन्वेंशन सेंटर में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सभी केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।
आज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक्सटेंशन मिलने पर निगाहें…
भाजपा कार्यकारिणी बैठक का एजेंडा 2023 में 9 राज्यों और 10 विधानसभाओं समेत 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी पर चर्चा करना है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में हैं जेपी नडड्डा। दरअसल इस मीटिंग के तुरंत बाद नड्डा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसलिए कार्यकारिणी की बैठक में उनके कार्यकाल को लेकर फैसला होना लगभग तय है।
अगले लोकसभा चुनाव तक पार्टी अध्यक्ष रह सकते हैं नड्डा
लोकसभा चुनाव में अब करीब सालभर का ही वक्त बचा है, इसलिए संभावना यही है कि नड्डा को 2024 तक का एक्सटेंशन दिया जा सकता है। इसके बाद पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव संभव है। हालांकि, पहले दिन की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।
चुनावी साल में संगठन से छेड़छाड़ नहीं करने की रणनीति
पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की एक अहम वजह इसी साल के आखिर में होने वाले 9 विधानसभाओं के चुनाव भी हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी मई-जून के बीच चुनाव कराए जाने के आसार हैं। अगर जेपी नड्डा के नाम पर किसी वजह से सहमति नहीं बनती है, तो भूपेंद्र यादव का नाम रेस में सबसे आगे है। वहीं, गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की पूरी संभावना है।
भाजपा के संविधान के मुताबिक अध्यक्ष का चुनाव संभव नहीं
तकनीकी तौर पर देखें, तो 2022 में भाजपा संगठन के चुनाव नहीं हो सके हैं, इसलिए जेपी नड्डा को ही लोकसभा चुनाव तक पद पर बने रहने को कहा जा सकता है। भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम 50% यानी आधे राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। इस लिहाज से देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता हैं।
लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनने वाले तीसरे नेता हों सकते हैं नड्डा
अगर नड्डा को फिर से अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलती है, तो वे लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल करने वाले लालकृष्ण आडवाणी और अमित शाह के बाद तीसरे नेता हो सकते हैं। हालांकि, राजनाथ सिंह भी दो बार पार्टी अध्यक्ष बने थे, लेकिन उनका कार्यकाल लगातार नहीं था। नीचे ग्राफिक में भाजपा के गठन से लेकर अब तक बने अध्यक्षों का ब्यौरा दिया गया है…
भाजपा कार्यकारिणी बैठक से जुड़े अपडेट्स…
अब तस्वीरों में देखिए, कार्यकारिणी बैठक के पहले दिन क्या कुछ हुआ…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद मार्ग से NDMC कन्वेंशन सेंटर तक करीब 15 मिनट रोड शो किया। इसके बाद वे कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचे।
NDMC कन्वेंशन सेंटर में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचने पर PM मोदी का अभिवादन करतीं लोक कलाकार।
कार्यकारिणी की बैठक की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, साथ में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।
रोड शो के दौरान जनता का अभिवादन करते पीएम मोदी।
चुनावी राज्यों के संगठन में फेरबदल पर मुहर लग सकती है
2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्य शामिल हैं। वहीं पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी इसी साल चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी इसी साल चुनाव के पूरे आसार हैं। मीटिंग में इन राज्यों के संगठन में कसावट लाने के मकसद से जरूरी फेरबदल को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही नए चेहरों को मौका मिल सकता है।
10 विधानसभाओं के चुनावों पर चर्चा, जहां 93 लोकसभा सीटें
जम्मू-कश्मीर को शामिल करने के बाद कुल 10 विधानसभाओं के चुनाव 2023 में होने के आसार हैं। इन राज्यों में लोकसभा की 17% सीटें आती हैं। साथ ही उत्तर से दक्षिण तक फैले इन राज्यों के फैसले से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जनता के मिजाज की झलक भी मिल सकती है। नीचे दिए ग्राफिक से इन 10 राज्यों का सियासी गणित समझा जा सकता है…
चुनावी राज्य छोड़ दिल्ली में बैठक के मायने
भाजपा की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हैदराबाद में हुई थी। इस बार भी कयास यही थे कि इस अहम बैठक को किसी चुनावी राज्य में आयोजित कर सकती है। इनमें मध्य प्रदेश और तेलंगाना के नाम प्रमुख तौर पर लिए जा रहे थे, लेकिन पार्टी ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर साफ कर दिया है कि उसका चुनाव अभियान केंद्रीय लीडरशिप ही तय करेगी।
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2023 में 10 राज्यों में चुनाव:इनसे 2024 में जनता के मिजाज का अंदाजा लगेगा, सुप्रीम कोर्ट से आने वाले 8 फैसलों पर रहेगी नजर
नए साल में 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें लोकसभा की 93 सीटें आती हैं, जो कुल सीटों का 17% है। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट में आठ ऐसी याचिकाओं पर फैसला आना है, जिनका डायरेक्ट या इनडायरेक्ट असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर हो सकता है।
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां के नतीजों से केंद्र की तरफ से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को सही या गलत साबित करने की राय बनेगी। जम्मू-कश्मीर के मौसम को देखते हुए वहां विधानसभा चुनाव अगली गर्मी में ही कराए जाने के आसार हैं।