इस साल मकर संक्रांति को लेकर पंचांग भेद हैं। कुछ पंचांगों में 14 जनवरी और कुछ में 15 जनवरी को मकर संक्रांति बताई गई है। इस दिन खासतौर पर सूर्य पूजा की जाती है। दिन की शुरुआत सूर्य को अर्घ्य देकर करें औऱ सूर्य से संबंधित चीजों का दान करें। इस दिन खाने में तिल-गुड़ जरूर शामिल करना चाहिए। तिल-गुड़ की तासीर गर्म होती है और इनके सेवन से शरीर को ठंड से लड़ने की शक्ति मिलती है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा कहते हैं कि मकर संक्रांति पर सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य उत्तरायण भी हो जाता है। ये दिन धर्म के साथ ही खगोल विज्ञान के लिए भी महत्वपूर्ण है। जानिए मकर संक्रांति पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…
- मकर संक्रांति पर सुबह सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ देना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। इसके लिए तांबे के लोटे में जल में चावल, लाल फूल भी जरूर डालें। सूर्य को जल चढ़ाते समय सूर्य के मंत्रों का जप करें।
- मकर संक्रांति पर कंबल, काले तिल, चावल और तांबे के कलश का दान जरूरतमंद लोगों को करना चाहिए।
- इस दिन ग्रंथों का पाठ भी जरूर करें। आप चाहें तो श्रीरामचरित मानस, रामायण, श्रीमद् भगवद् गीता का पाठ कर सकते हैं, शिव पुराण, विष्णु पुराण, गणेश पुराण आदि ग्रंथों का पाठ भी किया जा सकता है।
- संक्रांति पर तीर्थ दर्शन और पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। इस दिन गंगा, यमुना, शिप्रा, नर्मदा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान के लिए काफी भक्त पहुंचते हैं। अगर आप नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। अपने शहर में या किसी अन्य पौराणिक महत्व वाले मंदिर में दर्शन जरूर करें।
- मकर संक्रांति पर हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं और सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें।