आज से माघ मास शुरू हो गया है। जो 5 फरवरी तक रहेगा। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने और नदी में नहाने का महत्व बताया गया है। इस पवित्र महीने के दौरान नदियों में नहाने से ही पुण्य मिल जाता है। क्योंकि पुराणों में कहा गया है कि माघ महीने के दौरान गंगाजल में भगवान विष्णु का कुछ अंश रहता है।
वैसे तो पूरे साल में किसी भी दिन गंगा स्नान करना शुभ ही होता है, लेकिन माघ महीने में इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। इस पवित्र महीने में गंगा का नाम लेकर नहाने से गंगा स्नान का फल मिलता है। इस महीने में प्रयाग, काशी, नैमिषारण्य, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार या अन्य पवित्र तीर्थों और नदियों में स्नान का बहुत महत्व है।
पुराणों में माघ मास का महत्व
पद्म, स्कंद और ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि माघ महीने में जब सूर्य मकर राशि में होता है तब सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। महाभारत और अन्य ग्रंथों में भी इस हिंदी महीने का महत्व बताया गया है। महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है कि जो माघ महीने में नियम से एक समय भोजन करता है, वो धनवान कुल में जन्म लेकर अपने कुटुम्बीजनों में महत्व को प्राप्त होता है। इसी अध्याय में कहा गया है कि माघ महीने की द्वादशी तिथि को दिन-रात उपवास करके भगवान माधव की पूजा करने से उपासक को राजसूय यज्ञ का फल मिलता है और वो अपने कुल का उद्धार करता है।
इस तरह मिलते हैं पुण्य
सूर्योदय से पहले गंगा में स्नान करने के बाद पूजा और सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए। अगर गंगा स्नान के लिए जाना संभव न हो तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर भी कर सकते हैं। इसके बाद पूजा-पाठ करके साधु-संतों और जरूरमंतों को दान देना चाहिए। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है। इससे हमारे भाग्य के द्वार खुलते हैं।
श्रीकृष्ण पूजा का महत्व
धर्म ग्रंथों के मुताबिक, इस महीने में भगवान कृष्ण की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माघ में श्रीकृष्ण की पूजा से पहले सुबह तिल, जल, फूल और कुश लेकर पूजा का संकल्प लेना चाहिए। फिर श्रीकृष्ण की प्रार्थना और पूजा करें। घर में शुद्धता से बने पकवानों का भोग लगाएं। उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें। माना जाता है इस तरह पूरे महीने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि रहती है।