इस साल शनि एक ही बार राशि बदलेगा और 17 जनवरी से अपनी ही राशि यानी कुंभ में रहेगा। जिससे धनु राशि वालों की साढ़ेसाती खत्म होगी। मिथुन और तुला राशि के लोगों को ढय्या से राहत मिलेगी। इस दौरान ये ग्रह 140 दिनों तक वक्री और 33 दिन अस्त रहेगा। शनि की चाल में बदलाव का असर देश-दुनिया सहित सभी राशियों पर पड़ेगा।
मीन राशि पर शुरू होगी साढ़ेसाती
शनि के कुंभ राशि में आते ही मीन राशि साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और धनु राशि वालों को इससे राहत मिलेगी। इस तरह पूरे साल मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का असर रहेगा। इनमें मकर राशि वालों को जॉब और बिजनेस में तरक्की मिलने के योग बनेंगे। लेकिन कुंभ और मीन राशि वाले लोग परेशान हो सकते हैं। इन दोनों राशियों के लोगों को चोट लग सकती है। कामकाज में अनचाहे बदलाव होने की भी आशंका है।
कर्क और वृश्चिक राशि पर रहेगी ढय्या
शनि के राशि परिवर्तन करने से मिथुन और तुला राशि के लोगों को ढय्या से राहत मिलेगी। इन राशियों के लोगों को फायदा होगा। लेकिन कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढय्या शुरू हो जाएगी। जिससे इन दो राशियों के लोगों के ट्रांसफर होने, नौकरी और बिजनेस में जिम्मेदारी बदलने के योग बनेंगे। दौड़ भाग बढ़ सकती है। विवाद हो सकते हैं। कामों में ज्यादा मेहनत के बाद ही सफलता मिल पाएगी। इसलिए इन राशियों के लोगों को संभलकर रहना होगा।
देश-दुनिया के लिए शनि
शनि के कुंभ राशि में आने से देश में कंस्ट्रक्शन बढ़ेगा। पश्चिमी देशों में विवाद बढ़ सकते हैं। वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। निचले वर्ग के लोगों के लिये रोजगार के मौके मिलेंगे। ऐसे लोगों को पद और अधिकार भी मिल सकते हैं। हालांकि पड़ोसी देशों से जुड़ी भारत की सीमाओं पर तनाव और विवाद बना रहेगा। शनि के प्रभाव से देश में बड़े कानूनी फैसले हो सकते हैं। गैर कानूनी काम करने वालों को सजा मिल सकती है। लंबे समय से मेहनत कर रहे लोगों को इस साल सफलता मिलने की पूरी संभावना है।
अशुभ असर से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा
ग्रंथों में बताया गया है कि शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए हर शनिवार शनि देव को तेल चढ़ाना चाहिए। मंगलवार को हनुमान जी की पूजा से भी शनि दोष कम होते हैं। शनिवार को कांसे की प्लेट या कटोरी में तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखें। फिर शनि देव और प्रणाम कर के। तेल से भरा कांसे का बर्तन दान कर दें। साथ ही काले तिल, कंबल, काली उड़द, लोहे के बर्तनों का और जूते-चप्पल का दान भी किया जा सकता है।