नए साल में चार ग्रहण होंगे। इनमें पहला वाला सूर्य ग्रहण है, लेकिन वो भारत में नहीं दिखेगा। दूसरा, उपच्छाया चंद्र ग्रहण रहेगा। जो कि बुद्ध पूर्णिमा पर होगा और देश में दिखेगा भी। अगला वाला वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा। जो भारत में नहीं होगा। आखिरी वाला ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा। जो कि शरद पूर्णिमा पर होगा और भारत में भी दिखेगा। इस तरह नए साल में सिर्फ दो चंद्र ग्रहण ही भारत में दिखेंगे। जिनका धार्मिक महत्व भी रहेगा।
पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को
पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगेगा। ये कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा। लेकिन भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा। ये ग्रहण दक्षिण-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत और हिंद महासागर में दिखेगा।
पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को
5 मई को उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यानी चंद्रमा पर पड़ने वाली पृथ्वी की छाया की भी एक और छाया होने से ये ग्रहण नहीं दिखेगा। इसलिए इसका भी धार्मिक महत्व नहीं रहेगा। ये चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर पर रहेगा।
दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को होगा। ये वलयाकार होगा। जो कि भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए देश में इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा। ये सूर्य ग्रहण टेक्सास से शुरू होकर मेक्सिको के साथ ही मध्य अमेरिका, कोलंबिया और ब्राजील के कुछ हिस्सों से होकर गुजरता हुआ अलास्का और अर्जेंटीना तक दिखाई देगा।
आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात में होगा। ये आंशिक चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखेगा। इस दिन शरद पूर्णिमा रहेगी। ये चंद्र ग्रहण रात 1.05 पर शुरू होगा और रात 02.24 पर खत्म होगा। इस तरह करीब 1 घंटे 19 मिनट तक ये ग्रहण रहेगा। ये चंद्र ग्रहण भारत के साथ ही एशिया के कई देशों सहित यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी-दक्षिणी अफ्रीका, आर्कटिक, अंटार्कटिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में दिखेगा।