कोरोना के मद्देनजर अमेरिका ने चीन से आने वाले यात्रियों पर पाबंदियां बढ़ा दी हैं। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि जिनपिंग सरकार ने कोरोना नियमों में जिस तरह ढील दी है, उसके बाद संक्रमण बेकाबू हो गया है। बीजिंग से हमें सही जानकारी भी नहीं मिल रही है, जिसके चलते वहां से आने वाले सभी यात्रियों की निगरानी की जाएगी।
अमेरिका ने इस फैसले के पीछे महामारी को लेकर WHO की चेतावनी का हवाला भी दिया है। अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि भारत, जापान और मलेशिया पहले ही चीन से आने वाले यात्रियों पर कई प्रतिबंध लगा चुके हैं। इधर, रॉयटर्स ने मंगलवार को खबर दी थी कि चीन ने 8 जनवरी, 2023 से दूसरे देशों से आने वाले लोगों को क्वैरैंटाइन होने की जरूरत खत्म कर दी है।
कोरोना को लेकर नई पाबंदियां लागू होने के बाद अमेरिकी एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
हर दिन कोरोना का डेटा जारी नहीं करेगा चीन
चीन के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड मैनेजमेंट ने मंगलवार को कहा कि वो महीने में सिर्फ एक बार ही कोविड डेटा जारी करेंगे। सेंटर के मुताबिक, कोविड अब बी कैटेगरी की बीमारी में शुमार है, लिहाजा हर दिन का डेटा देना जरूरी नहीं है।
इस बीच, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है चीन के ज्यादातर अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की कमी हो गई है। कुछ अस्पताल तो ऐसे हैं जहां एक वॉर्ड में पहले 15 लोगों का स्टाफ था और अब वहां महज 2 या 3 मेडिकल स्टाफर ही सर्विस दे रहे हैं।
चीन बोला- कोरोना ज्यादा खतरनाक नहीं
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने चीन की हेल्थ मिनिस्ट्री के हवाले से एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि कोविड को बी कैटेगरी में इसलिए रखा गया है, क्योंकि यह ज्यादा खतरनाक नहीं और इसीलिए हर दिन इसका डेटा जारी करना भी जरूरी नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक- कोविड सांस से संबंधित सामान्य बीमारी से ज्यादा कुछ नहीं है।
चीन सरकार कोविड का सही डेटा जारी करने तैयार नहीं है। मंगलवार को उसने इस बीमारी को ‘बी’ कैटेगरी में डाल दिया। उसके मुताबिक यह खतरनाक बीमारी नहीं है।
अस्पतालों में हालात खराब
दुनिया में 66 करोड़ 24 लाख से ज्यादा मामले
worldometer के मुताबिक, दुनिया में अब तक 66 करोड़ 24 लाख 16 हजार 471 मामले सामने आ चुके हैं। 11 जनवरी 2020 को चीन के वुहान में 61 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। ये दुनिया में कोविड से हुई पहली मौत थी। इसके बाद सिलसिला बढ़ने लगा। अब तक 66 लाख 87 हजार 746 मौतें हो चुकी हैं।
चीन में हालात बिगड़े, क्लास में भी छात्रों को लगाई जा रही ड्रिप; श्मशानों में 20 दिन वेटिंग
चीन में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि कोरोना का पीक इसी हफ्ते आएगा। लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने कहा कि चीन में रोजाना 10 लाख केस आ रहे हैं और 5 हजार मौतें हो रही हैं। हालांकि सरकारी आंकड़ों में गुरुवार को सिर्फ 4 हजार केस ही बताए गए।
चीन में 24 घंटे में 3.7 करोड़ मरीज मिले, सड़कों पर रस्सी बांधकर ड्रिप लगाई जा रही
चीन में कोरोना से हालात बेकाबू हो गए हैं। ब्लूमबर्ग ने चीन की नेशनल हेल्थ कमीशन के हवाले से बताया है कि मंगलवार को यहां एक दिन में 3 करोड़ 70 लाख केसेस सामने आए थे। हालांकि, सरकारी आंकड़ों में इस दिन सिर्फ 3 हजार केस ही बताए गए। रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने के शुरुआती 20 दिनों में 24 करोड़ 80 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसके पहले जनवरी में एक दिन में 40 लाख कोरोना मरीज मिले थे।
चीन में BF.7 वैरिएंट की हरकत देख सहमी दुनिया:वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी को भी चकमा दे रहा
चीन में एक बार फिर अस्पताल भरने लगे हैं। दवाएं खत्म हो रही हैं। सामूहिक अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। वजह है आग की तरह फैल रहा कोरोना वायरस। इतनी तेजी से फैल रहे संक्रमण के लिए जिम्मेदार है ओमिक्रॉन का वैरिएंट BF.7। WHO के अधिकारियों का कहना है कि ये अब तक का सबसे तेज फैलने वाला वैरिएंट है।
ब्रिटेन में महामारी की 5वीं लहर, चीन की तरह डेली केस रिपोर्ट जारी नहीं करेगा UK
ब्रिटेन में कोरोना महामारी की 5वीं लहर ने दस्तक दे दी है। ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने जनवरी 2023 से कोरोना केसेस की डेली रिपोर्ट्स देने से इनकार कर दिया है। हेल्थ अथॉरिटी का कहना है कि कोरोना आम हो गया है। लोग हर दिन इसके साथ जी रहे हैं। अब इसे आम वायरल और सीजनल फ्लू की तरह ही ट्रीट किया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग होती रहेगी लेकिन डेटा जारी नहीं होगा।