नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Temples In Foreign: मान्यताओं का देश भारत दुनियाभर में अपनी संस्कृतियों और परंपराओं के लिए काफी मशहूर है। अपनी विविधता में भी एकता की झलक दिखलाता यह देश पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। भारत में आस्था का अपना एक अलग ही महत्व है। यही वजह है कि यहां अलग-अलग धर्मों के अपने धर्म स्थल मौजूद हैं। भारत में बीते कई साल से देवी-देवताओं के पूजन का चलन जारी है। यहां भगवान के कई सारे मंदिर मौजूद हैं, जो अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि विदेश में भी हिंदू धर्म के कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं। अगर आप नए साल भारत से बाहर इन देशों में घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इन मंदिरों के दर्शन करने जरूर जाएं।
अगर आप भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका जाने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां मौजूद भगवान शिव और मां काली के मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। श्रीलंका के मुन्नेस्वर गांव में स्थित इस भव्य और विशाल मंदिर के परिसर में कुल पांच मंदिर हैं। ऐसा माना जाता है कि रावण का वध करने के बाद भगवान राम ने इसी जगह अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा की थी। मंदिर की इसी विशेषता के कारण यहां भारी संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचते हैं।
दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक अंकोरवाट मंदिर कंबोडिया में मौजूद है। मान्यता है कि भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर को कम्बुज के राजा सूर्यवर्मा द्वितीय ने 12वीं सदी में बनवाया था। इस विशाल मंदिर के चारों तरफ गहरी खाई मौजूद है। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक इस मंदिर के दर्शन के लिए हर साल लाखों लोग कंबोडिया जाते हैं।
नेपाल के काठमांडू में बागमती नदी के तट पर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर दुनिया के प्राचीन हिंदू मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भगवान शिव की पशुपति रूप मे आराधना की जाती है। इस मंदिर को भी यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में स्थान प्राप्त है।
अगर आप ऑस्ट्रेलिया घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यहां की राजधानी सिडनी स्थित मुरूगन टेंपल के दर्शन कर सकते हैं। भगवान मुरूगन को समर्पित इस मंदिर का निर्माण न्यू साउथ वेल्स के पहाड़ों पर किया गया है। ऑस्ट्रेलिया और खास तौर पर सिडनी में रहने वाले हिंदूओं में इस मंदिर के प्रति आस्था विशेष आस्था है।
मॉरीशस स्थित सागर शिव मंदिर यहां रह रहे हिंदूओं के लिए एक पवित्र स्थल है। साल 2007 में बने इस मंदिर में भगवान शिव की 108 फीट ऊंची कांसे की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर की इसी खासियत की वजह से हर साल यहां कई पर्यटन भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।