24 दिसंबर से पौष मास का शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा। जो कि 6 जनवरी को पूर्णिमा के साथ खत्म होगा। पौष महीने में सूर्य का प्रभाव बढ़ जाता है। 9 दिसंबर को पौष महीना शुरू हो गया था। इसके बाद धनु संक्रांति हुई। तब से सूर्य बृहस्पति की राशि धनु में आ गए हैं। इसके बाद 22 तारीख को मकर रेखा पर। सूर्य देवता अब उत्तरायण हो रहे हैं।
पौष मास में सूर्य का प्रभाव बढ़ने से सृष्टि में बहुत से सकारात्मक बदलाव आते हैं। ऐसे में उन बदलावों के लिए तैयार होना जरूरी है। इसलिए इस महीने में जीवन को उत्तम बनाने का सही समय होता है। वैसे तो पौष महीने में कोई शुभ काम नहीं होते हैं, लेकिन भगवान की पूजा और खासतौर से सूर्य उपासना के लिए ये महीना सबसे अच्छा माना गया है।
पौष की सूर्य पूजा से पूरे साल अच्छी रहती है सेहत
हिंदू पंचांग के मुताबिक हिन्दू पंचांग के दसवें महीने को पौष कहते हैं। इस महीने हेमंत ऋतु का असर ज्यादा होता है। इसलिए मौसम में ठंडक बढ़ जाती है। इस महीने सूर्य अपने विशेष प्रभाव में भी रहता है।
इस महीने में खासतौर से की जाने वाली सूर्य की उपासना ही शुभ फल देने वाली होती है। मान्यता है कि इस महीने सूर्य 11 हजार रश्मियों के साथ मनुष्यों को ऊर्जा और अच्छी सेहत देता है। पौष महीने में अगर सूर्य की नियमित उपासना करे पूरे साल सेहत अच्छी रहती है।