जम्मू-कश्मीर में शोपियां के मुंज मार्ग इलाके में मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें लश्कर के तीन आतंकी मारे गए। इनके पास से एक AK 47 राइफल और 2 पिस्तौल बरामद हुईं। इसकी जानकारी कश्मीर जोन पुलिस ने ट्विटर पर दी है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में नाकेबंदी सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है।
तीन में से दो आतंकियों की पहचान हुई
ADGP कश्मीर ने बताया कि मारे गए तीनों आतंकी स्थानीय थे। इनमें से दो की पहचान हुई है। आतंकी लतीफ लोन शोपियां का रहने वाला था, जो कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट्ट की हत्या में शामिल था और अनंतनाग का उमर नजीर नेपाल के तिल बहादुर थापा की हत्या में शामिल था। वहीं, तीसरे आतंकी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंज मार्ग इलाके में सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद जवानों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभिायन शुरू किया। इसी बीच आतंकियों ने फायरिंग कर शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की। इसके बाद एनकाउंटर शुरू हो गया। फिलहाल, मौके पर सुरक्षाबलों की टीम मौजूद है और सर्च ऑपरेशन जारी है।
कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट्ट की इस साल 15 अक्टूबर को आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
घर के बाहर टहल रहे थे भट्ट
शोपियां के चौदरीगुंड गांव में कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट्ट की आंतकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद घाटी के लोगों में जबरदस्त गुस्सा था, उन्होने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी किया था। भट्ट उस वक्त घर के ठीक बाहर ही थे, जब आतंकियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
राजौरी में सैन्य शिविर के बाहर नागरिकों की हत्याओं की जांच के लिए SIT गठित
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने राजौरी जिले में सेना के एक शिविर के बाहर फायरिंग में दो स्थानीय नागरिकों सुरिंदर कुमार और कमल कुमार के मारे जाने की जांच के लिए SIT का गठन किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी। शुक्रवार को दो नागरिकों की हत्या और एक अन्य के घायल होने के कारण बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और लोगों ने इस घटना की जांच की मांग की थी।
एक साल में 24 हिंदुओं की हो चुकी है हत्या
कश्मीरी पंडितों के विभिन्न संगठनों ने पिछले एक साल के दौरान घाटी में आतंकवादियों द्वारा 24 कश्मीरी और गैर कश्मीरी हिंदुओं की हत्या की है। भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने पुलिस से सूची के लीक होने की जांच करने का अनुरोध किया है। ठाकुर ने कहा कि आतंकवादियों को स्पष्ट पता है कि कौन कहां तैनात है। सरकार को इस पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। यह पता करना चाहिए कि ऐसे समय में किसने सूची लीक की है जब घाटी में लक्षित हत्याएं हो रही हैं।
इस साल मारे गए 176 आतंकी
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को खत्म करने के लिए पुलिस और सेना की तरफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान एनकाउंटर में कई आतंकियों को ढेर भी किया गया। इस साल अक्टूबर तक 176 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 126 लोकल आतंकी थे। जम्मू और कश्मीर में अभी कुल 134 एक्टिव आतंकी मौजूद हैं। इनमें से 83 विदेशी और 51 लोकल आतंकी हैं।
इस साल अब तक 21 टारगेट किलिंग हो चुकी हैं। इनमें कश्मीरी पंडित, राज्य के बाहर से आए मजदूर और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। इस साल अलग-अलग आतंकी हमलों में 9 हिंदुओं की जान जा चुकी है।
कश्मीर में हुआ था आतंकी हमला, कन्नौज के 2 लोगों की मौत
कन्नौज के रहने वाले 2 मजदूरों की कश्मीर में आतंकी हमले में मौत हो गई थी। दोनों अगस्त में मजदूरी करने कश्मीर गए थे। दीपावली पर दोनों घर आने वाले थे, लेकिन उससे पहले दोनों की हत्या कर दी गई थी। दोनों कश्मीर में सेब की पैकिंग का काम करते थे।
जम्मू-कश्मीर में लश्कर का आतंकी मारा गया, श्रीनगर में पकड़ाए तीन आतंकी
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में लश्कर का आतंकी सज्जाद तांत्रे मारा गया। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक सुरक्षा बलों को रविवार को चेकी डूडू इलाके में कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी।
जम्मू-कश्मीर में 134 एक्टिव आतंकियों में 83 विदेशी, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय विदेशी आतंकियों की संख्या बढ़ गई है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ। इसमें बताया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश में वर्तमान में अलग-अलग आतंकी संगठनों से जुड़े 134 आतंकी एक्टिव हैं। इनमें से 83 विदेशी और 51 स्थानीय हैं।
कश्मीर के 3 जिले आतंकवादी मुक्त:ADGP का दावा- लश्कर और जैश के पास कोई कमांडर नहीं
कश्मीर के तीन जिले आतंकवादी मुक्त हो गए हैं। कश्मीर के ADGP विजय कुमार ने शनिवार को खुलासा किया कि आतंकवादी मुक्त जिलों में बांदीपोरा, कुपवाड़ा और गांदरबल का नाम शामिल है। जबकि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कई कमांडर पिछले दिनों हुई मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, इस कारण घाटी में दोनों संगठनों को चलाने वाला कोई नेता नहीं बचा है।