बैतूल के मांडवी गांव में 6 साल का मासूम बोरवेल में गिर गया है। बच्चा बोर में 35 फीट गहराई पर फंसा हुआ है। उसके ऊपर पानी की बूंदें टपक रही हैं। बच्चे को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। तीन जेसीबी मशीन की मदद से बोरवेल से 30 फीट दूर समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है। अभी करीब 15 फीट और खोदा जाना है। पत्थर के कारण खुदाई का काम बहुत धीरे हो रहा है। कैमरे में बच्चे का मूवमेंट कम नजर आ रहा है। एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर है।
कलेक्टर अमनबीर बैंस ने बताया कि बच्चे के हाथ में रस्सी बांधकर उसे ऊपर खींचने की कोशिश की गई, वो करीब 12 फीट ऊपर भी आ गया था। लेकिन इसी बीच रस्सी खुल गई और वो वहीं अटक गया। रात 12 बजे से साइड में एक नए गड्ढे को खोदने का काम शुरू करते हुए बच्चे को निकालने की कोशिश की जा रही है।
बोरवेल के अंदर से आई थी बच्चे की आवाज
हादसा मंगलवार शाम बैतूल जिले के आठनेर के मांडवी गांव में करीब 5 बजे हुआ। 6 साल का तन्मय दूसरे बच्चों के साथ छुपन-छुपाई खेल रहा था। पड़ोसी के बोरवेल में वह गिर गया। आवाज लगाने पर बोरवेल के भीतर से बच्चे की आवाज आई। इस पर परिवारवालों ने तत्काल बैतूल और आठनेर पुलिस को सूचना दी।
तन्मय की 11 साल की बहन निधि साहू ने बताया, हम छुपन-छिपाई खेल रहे थे। भाई को कहा कि चलो अब घर चलते हैं। वो कूदकर आया। बोर के ऊपर बोरी थी। वो बोरी को पकड़कर रखा था, मैं जब तक पहुंची तो भाई नीचे चला गया। मां रितु साहू का कहना है कि भाई 5 बजे के करीब गिरा। उसने आवाज भी दी। तब उसकी तेज सांस चल रही थी।
रेस्क्यू शुरू होने के बाद सबसे पहले बच्चे के लिए बोरवेल में ऑक्सीजन पाइप डाला गया, फिर CCTV कैमरा डाला गया। मौके पर SDERF की टीमें मौजूद हैं। बच्चे को निकालने के लिए बोरवेल से करीब 30 फीट दूर बुलडोजर से समानांतर खुदाई शुरू कर दी गई है। पिता ने बच्चे से बात की तो उसने कहा- यहां बहुत अंधेरा है। मुझे डर लग रहा है। जल्दी बाहर निकालो।
6 साल का तन्मय दूसरी क्लास में पढ़ता है और खेलते-खेलते करीब 400 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में जा गिरा। तन्मय को रात में रस्सी से खींचा गया, लेकिन वो वापस गिर गया। बताया गया कि 35 फीट की गहराई पर फंसा है।
पिता से करवाई बच्चे की बात
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर कलेक्टर, डीआईजी, एसपी, कमिश्नर श्रीमन शुक्ला, तहसीलदार आठनेर समेत पुलिस-प्रशासन के सभी बड़े अधिकारी भी पहुंच गए।
परिवार को बच्चे से बात करने को कहा गया। बच्चे के पिता ने उससे बात की। तन्मय दूसरी क्लास में पढ़ता है। पिता सुनील दियाबार ने बताया कि 8 दिन पहले ही खेत पर उन्होंने 400 फीट गहरा बोर करवाया था। इसी बोर में उनका बेटा गिर गया है।
तीन जेसीबी मशीन की मदद से बोरवेल से 30 फीट दूर समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है। पत्थर के कारण खुदाई का काम बहुत धीरे हो रहा है। एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कार्य में जुटी है।
बोरवेल के गड्ढे में गिरे तन्मय के लिए अंदर पाइप से ऑक्सीजन पहुंचाई गई। उसका मूमेंट चेक किया जाता रहा। साथ ही उसके पिता से भी उसकी बात करवाई गई। बालक घबराया हुआ है।
रेस्क्यू में तीन जेसीबी शामिल
कलेक्टर बैतूल अमनवीर सिंह बैंस ने बताया कि बच्चे को निकालने के लिए कोशिश शुरू कर दी गई है। मौके पर तीन जेसीबी मशीन मौजूद हैं। घटना का पता चलते ही तहसीलदार को तुरंत मौके पर रवाना किया गया था।
बोरवेल में गिरे बच्चे को निकालने के लिए समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है। जमीन पथरीली होने के कारण खुदाई का काम धीरे चल रहा है।
अपडेट्स
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए बच्चे की कुशलता की प्रार्थना की।
रेस्क्यू ऑपरेशन के फोटो…
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जिंदगी की जंग जीता 4 साल का मासूम
मध्यप्रदेश के छतरपुर में बोरवेल में गिरे 4 साल के मासूम दीपेंद्र को सकुशल निकाल लिया गया है। करीब 7 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चे को बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के गड्ढे में रस्सी डाली, ये रस्सी बच्चे ने अपने कंधे में फंसा ली। जिसके बाद उसे धीरे-धीरे खींचकर गड्ढे से निकाल लिया गया। बच्चे को निकालते ही मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया गया।
11 घंटे बोरवेल में गुजारने वाले बच्चे की आपबीती
छतरपुर में 4 साल का दीपेंद्र बुधवार को खेत में खुले पड़े बोरवेल में खेलते-खेलते गिर गया। सुबह 11 बजे गिरे दीपेंद्र को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर रात 10 बजे बोरवेल से निकाला गया। बच्चा करीब 25 फीट की गहराई में फंसा था। गड्ढे से पैरेलल करीब 28 फीट से भी गहरी खुदाई कर बच्चे को बचाया। घटना ओरछा रोड थाना क्षेत्र के नारायणपुरा और पठापुर गांव के पास की है। फिलहाल दीपेंद्र जिला अस्पताल में एडमिट है।
छतरपुर में बोरवेल में 13 फीट नीचे फंसी बच्ची को बचाया
मध्यप्रदेश के छतरपुर में 80 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 15 महीने की दिव्यांशी को आखिरकार 10 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। बोरवेल में 13 फीट नीचे गहराई में फंसी दिव्यांशी को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन गुरुवार दोपहर 3.30 बजे से रात 12.47 बजे तक चला। उसे निकालने के लिए पुलिस, SDERF के साथ ही सेना के जवान बिना रुके लगातार कोशिश करते रहे। आखिरकार मेहनत रंग लाई और बोरवेल से दिव्यांशी को बाहर निकाल लिया गया। दिव्यांशी को बाहर आता देख वहां मौजूद भीड़ चिल्लाई- दिव्यांशी तुम जीत गई। मां की आंखों में खुशी के आसूं छलक आए।