दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव की मतगणना बुधवार सुबह 8 बजे से जारी है। पोस्टल बैलेट के रुझानों में भाजपा और आम आदमी पार्टी में कड़ी टक्कर दिख रही है। न्यूज चैनलों के मुताबिक, 250 सीटों में AAP 124 और BJP 117 पर आगे चल रही है। कांग्रेस ने 5 सीटों पर बढ़त बनाई है।
राज्य चुनाव आयोग के आंकड़ों में भाजपा आगे
उधर, राज्य चुनाव आयोग ने जो आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक, BJP 103, AAP 120, कांग्रेस 12, BSP 1और अन्य 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, इस बार करीब 50% मतदान हुआ है। 2017 में 53.55% मतदान हुआ था। यानी अब तक के आंकड़ों की तुलना करें तो इस बार 3% तक कम वोटिंग हुई है।
चुनाव के अपडेट्स…
आप ऑफिस को नीले-पीले गुब्बारों से सजाया
एग्जिट पोल में AAP की जीत के बाद बुधवार सुबह से ही पार्टी के कार्यालय में गहमा-गहमी शुरू हो गई थी। ऑफिस को पीले और नीले गुब्बारों से सजाया गया है। पिछली बार इन्हें सफेद और नीले कलर के गुब्बारों से सजाया गया था। दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को मतदान हुआ था।
आप ऑफिस में नया बैनर लगाया गया है।
नेताओं के बयान…
भाजपा ऑफिस के बाहर भीड़ जमा है।
राज्य चुनाव आयोग के बाहर भीड़ जमा है।
IIT, मंगोलपुरी के मतगणना केंद्र में काउंटिंग की जा रही है।
MCD में पिछले 15 सालों से BJP का कब्जा
दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 सालों से BJP का कब्जा है, लेकिन इस बार एग्जिट पोल में AAP यहां क्लीन स्वीप करती नजर आ रही है। इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया और टाइम्स नाउ-ईटीजी के एग्जिट पोल के मुताबिक MCD में AAP की सरकार भारी बहुमत से बनती दिख रही है। BJP दूसरे न्ंबर पर और कांग्रेस का सफाया होता दिख रहा है।
मैदान में उतरे 1,349 उम्मीदवार
MCD चुनाव 2022 के लिए 1349 उम्मीदवार मैदान में उतरे। इनमें 709 महिला प्रत्याशी थीं। BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। JDU ने 23 सीटों पर, तो AIMIM ने 15 सीटों पर कैंडिडेट उतारे।
BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4 और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे। इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी रहे।
MCD क्या काम करती है?
दिल्ली की राजनीति में MCD इतनी अहम क्यों?
दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और MCD। केंद्र सरकार की शक्तियां तो उसके पास ही रहेंगीं। अब मान लीजिए दिल्ली में और केंद्र में विरोधी दलों की सरकारें हैं तो केंद्र में सत्ताधारी दल चाहता है कि MCD उसके पास रहे और वह दिल्ली को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सके। वहीं, दिल्ली की सरकार चाहती है कि MCD भी उसके कब्जे में आ जाए तो वह ज्यादा आजादी से और अपने हिसाब से विकास कर सकेगी।