Geeta Jayanti 2022 रामकृष्ण मुले, इंदौर। शहर के पूर्वी क्षेत्र के मनोरमागंज में स्थित गीता भवन 72 वर्षों नर को नारायण मानकर सेवा का संदेश दे रहा है। गीता भवन ट्रस्ट द्वारा इसके लिए दो अस्पतालों के साथ ही विभिन्न सेवा प्रकल्पों का संचालन भी किया जाता है। यहां हर वर्ष से 150 अधिक संत-महंत और विद्वतजन पहुंचकर लगभग हर दिन होने वाली प्रवचनमाला में संस्कारों की शिक्षा दे रहे हैं। यहां भगवान के सभी चौबीस अवतारों के दर्शन होते हैं।मंदिर परिसर में करीब 20 मंदिर है। सत्संग सभागृह में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को युद्ध के मैदान में दिए श्रीमद् भगवत गीता के श्लोक अर्थ के साथ लिखे हैं, जो लोगों को प्रेरित करते हैं।
गीता के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने की भावना से 1950 में ब्रह्मलीन बाबा बालमुकुंद ने ट्रस्ट की स्थापना की थी। इसके बाद 1957 में स्वामी गंगेश्वर महाराज की प्रेरणा से गीता जयंती महोत्सव की शुरुआत की गई जो 65 वर्ष बाद भी जारी है। गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन कहना है कि ट्र्स्ट द्वारा विभिन्न गतिविधियों का संचालन नर को नारायण मानकर करने की भावना से किया जा रहा है। वर्तमान में गीता भवन हास्पिटल के कायाकल्प पर सात करोड़ रुपये की राशि से किया जा रहा है। जीर्णोद्धार का कार्य कल्याणमल बद्रीप्रसाद गर्ग चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से कराया जा रहा है। इस अस्पताल की क्षमता 140 बिस्तरों की है। यहां प्रतिदिन 50 चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
संरक्षक गोपालदास मित्तल का कहना है कि एमवाय अस्पताल के बाद सर्वाधिक ओपीडी मरीजों की संख्या वाला किसी पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित यह पहला हास्पिटल है, जहां अब स्वयं का आक्सीजन प्लांट भी प्रतिदिन 100 सिलेंडर आक्सीजन का उत्सर्जन कर रहा है। मंत्री रामविलास राठी के अनुसार चार मंजिला इस अस्पताल के कायाकल्प का काम जल्द से जल्द पूरा कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस जीर्णोद्धार के चलते अस्पताल की नियमित सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। कायाकल्प के बाद यहां सोनोग्राफी, एक्सरे, पैथालॉजी का आधुनिक मशीनों के अलावा आर्थोपेडिक वार्ड, आपरेशन थिएटर, आकस्मिक चिकित्सा वार्ड सहित अनेक नई सुविधाएं भी आम मरीजों को उपलब्ध हो सकेंगी।