भारत के साथ जारी युद्धाभ्यास पर जताई गई चीन की नाराजगी पर अमेरिका ने जवाब दिया है। भारत में यूएस मामलों की इंचार्ज एलिजाबेथ जोन्स ने इस मामले में भारत के साथ होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं चीन की आपत्ति के जवाब में अपने भारतीय साथी की बात को ही दोहराना चाहूंगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि इससे आपको क्या मतलब है ?
दरअसल चीन बॉर्डर के पास हो रही भारत-अमेरिका के युद्धाभ्यास पर चीन ने ऐतराज जताया था। चीन ने इस अभ्यास को बॉर्डर एग्रीमेंट का उल्लंघन बताया था। जिसके जवाब में गुरुवार को भारत ने कहा था कि हम किसी के भी साथ युद्धाभ्यास करें इसके लिए हमें किसी तीसरे देश का वीटो नहीं चाहिए
उत्तराखंड के औली में चीन बॉर्डर के पास भारत और अमेरिका की मिलिट्री एक्सरसाइज हो रही है। इस पर चीन ने आपत्ति जताई है। चीन का कहना है कि इससे भारत-चीन के बीच भरोसा और रिश्ते मजबूत नहीं होंगे।
स्पोक्सपर्सन झाओ लिजियान ने कहा- चीन पहले ही इस बारे में भारतीय पक्ष के सामने अपनी चिंता जाहिर कर चुका है।
चीन ने युद्धाभ्यास को बताया था एग्रीमेंट का उल्लंघन
चीनी विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन झाओ लिजियान ने कहा था कि अमेरिका और भारत के बीच हो रहा युद्धाभ्यास चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास को पूरा नहीं करता है। चीन बॉर्डर के पास दोनों देशों की ये मिलिट्री ड्रिल भारत-चीन के बीच 1993 और 1996 में हुए एग्रीमेंट के खिलाफ है। इससे भारत और हमारे रिश्तों पर बुरा असर पड़ेगा। इसके जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अरिंदम बागची बताया कि अमेरिका के साथ युद्धाभ्यास का 1993 और 1996 के एग्रीमेंट से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन को खुद की तरफ से किए जा रहे उल्लंघनों पर ध्यान दें।
मिलिट्री एक्सरसाइज के दौरान भारतीय सेना के जवानों ने अमेरिकी सेना के साथ अनआर्म्ड कॉम्बैट स्किल का प्रदर्शन किया।
LAC से महज 100 किलोमीटर दूर हो रही मिलिट्री ड्रिल
भारत और अमेरिका के बीच यह मिलिट्री एक्सरसाइज 15 नवंबर से शुरू हुई, जो 2 दिसंबर तक चलेगी। ये औली में हो रही है, जो LAC से महज 100 किलोमीटर दूर है। इस एक्सरसाइज में पहाड़ों और बेहद ठंडे इलाकों में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स को परखा जाएगा। ये एक्सरसाइज एक साल भारत में होती है और एक साल अमेरिका में। पिछले साल ये अमेरिका के अलास्का में हुई थी।