हरियाणा में महेंद्रगढ़ के खतोदडा गांव से मतदान से एक दिन पहले गायब हुए सरपंच प्रत्याशी हरपाल की मौत पर बवाल मच गया है। परिजनों ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेने से इनकार कर दिया है। शव फिलहाल नागरिक अस्पताल की मॉर्च्युरी में है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस हरपाल सिंह की मौत के मामले में सही कार्रवाई नहीं कर रही।
हरपाल की हत्या हुई है, जबकि राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) इसे सुसाइड बता रही है। परिजनों ने शव को अस्पताल में ही छोड़ दिया और गांव लौट गए। गांव में अब पंचायत बुलाई गई है। माहौल बिगड़ते देख अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
रेलवे ट्रैक से मिला शव, विरोध में मतदान भी नहीं हुआ
रविवार रात को अटेली में रेलवे ट्रैक पर गांव खातोदडा से शनिवार शाम को गायब हुए सरपंच प्रत्याशी हरपाल का शव मिला था। उक्त सरपंच प्रत्याशी के गायब हो जाने से गांव में जिला परिषद और पंचायत समिति के लिए मतदान नहीं हुआ था। जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया था। मंगलवार सुबह शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। जिसके बाद शव को परिजनों ने नहीं उठाया।
पहले नहीं हुई थी पहचान
रविवार शाम को 7:00 बजे अटेली के तोबड़ा गांव के पास स्थित रेलवे ट्रैक से हरपाल का शव बरामद हुआ था। शव मिलने की जब सोमवार को खबरें चली, तब उसके परिजनों ने नागरिक अस्पताल पहुंचकर शिनाख्त की। उन्होंने पुष्टि की कि यह शव खातोदड़ा से गायब हुए सरपंच प्रत्याशी हरपाल का है। इसके बाद महेंद्रगढ़ पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू की थी।
ग्रामीणों के विरोध को देख अस्पताल में तैनात पुलिस।
जीआरपी और स्थानीय पुलिस तैनात
मंगलवार को परिजनों के अस्पताल से शव नहीं उठाए जाने की सूचना के बाद मौके पर भारी संख्या में जीआरपी व स्थानीय पुलिस के कर्मचारी और अधिकारी अस्पताल पहुंच गए। वहीं सही कार्रवाई न होने से नाराज मृतक के परिजन, रिश्तेदार व अन्य ग्रामीण सुबह करीब 10 बजे गांव के लिए रवाना हो गए। परिजनों का कहना था कि अब जो कुछ होगा वह गांव की पंचायत में ही होगा। पंचायत जो निर्णय लेगी उसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन को भी गांव में ही आना होगा।