तुर्की में 14 अक्टूबर देर रात एक कोयला खदान में विस्फोट हो गया। हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई। 28 लोगों के घायल होने की खबर है। खदान में अभी भी 50 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें बाहर निकालने का काम किया जा रहा है।
होम मिनिस्टर सुलेमान सोयलू ने कहा- धमाके की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू टीम को घटनास्थल पर भेजा गया। लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। करीब 50 मजदूर 985 फीट की गहराई में काम कर रहे थे। ये काफी खतरनाक इलाका है। यहां मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं।
खदान में विस्फोट के बाद घायलों को नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया।
धमाके के समय खदान में थे 110 लोग
यह विस्फोट बार्टिन के अमासरा शहर में हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि खदानों में पाई जाने वाली ज्वलनशील गैसों की वजह से धमाका हुआ होगा। खदान में धमाके की सूचना मिलने के बाद होम मिनिस्टर सोयलू मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि विस्फोट के समय खदान के अंदर करीब 110 लोग मौजूद थे। ज्यादातर लोगों को बाहर निकाल लिया गया है।
कोल माइंस में जब धमाका हुआ, तब खदान के अंदर 110 लोग मौजूद थे।
मौके पर भीड़ हुई इकट्ठा
विस्फोट के बाद बचकर निकलने वाले एक मजदूर ने बताया कि धमाके के बाद बाहर निकलने में बहुत परेशानी जा रही थी। धूल और मलबे की वजह से कुछ भी ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था। खदान में विस्फोट की सूचना मिलने के बाद मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई है। इस हादसे के बाद राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने साउथ-ईस्ट तुर्की की निर्धारित यात्रा को रद्द कर दिया है। अब वह अमासरा जाएंगे।
विस्फोट की सूचना मिलने के बाद खदान में मौजूद लोगों के परिजन मौके पर पहुंच गए।
2014 खदान में विस्फोट 301 लोगों की मौत हुई थी
तुर्की के मानीसा प्रांत में मई 2014 में एक कोयला खदान में विस्फोट होने से 301 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इलेक्ट्रिक फॉल्ट की वजह से धमाका हुआ था। विस्फोट के दौरान 580 लोग फंसे गए थे, लेकिन इनमें से कई लोग बाहर निकलने में सफल हो गए थे।