कैलिफोर्निया में भारतवंशी परिवार के चार सदस्यों की हत्या के बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं। जगह-जगह कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं। श्वेत समुदाय ने भी भारतीयों पर हमलों का विरोध किया है।
कैलिफोर्निया में 3 अक्टूबर को जसदीप सिंह, उनकी पत्नी जसलीन कौर, 8 महीने की बेटी आरोही और भाई अमनदीप सिंह को अगवा कर मार दिया था। 6 अक्टूबर को उनके शव बरामद हुए थे। भारतवंशी परिवार के चारों सदस्यों का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अमेरिका में भारतवंशियों के विरोध प्रदर्शन को श्वेत समुदाय का भी समर्थन मिल रहा है। लोग कैंडल मार्च निकाल रहे हैं।
परिवार ने मदद की अपील की
जसदीप के चचेरे भाई सुखदीप सिंह ने कहा- उनके जाने के बाद परिवार काफी बिखर गया है। मुझे नहीं पता कि मैं जो पीड़ा और दुःख महसूस कर रहा हूं, उसे कैसे बयां करूं। परिवार के करीबी रंजीत सिंह ने कहा- इस जबरदस्त संकट के बीच पीड़ित परिवार को हमारे समर्थन और हमारी मदद की जरूरत है। इसलिए हम स्थानीय समुदाय से हमारे साथ रहने और परिवार की मदद करने के लिए अपील करते हैं।
अमनदीप सिंह की पत्नी जसप्रीत कौर और उनके 9 और 6 साल के दो बच्चों के लिए फंड इकट्ठा किया जा रहा है। मदद का मकसद बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना है।
अमेरिका में सामाजिक अत्याचार बढ़ रहा
फ्रांसीसी अमेरिकी कलाकार माइकल बर्जरॉन ने इस हत्याकांड पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि वे रोजी-रोटी कमाने के लिए अमेरिका आए थे। अपने बुजुर्ग माता-पिता का सहारा थे। विरोध जता रहे स्थानीय लोगों ने हाथों में तख्तियां पकड़ रखी थीं। इन पर लिखा था- हम सिख समुदाय के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा- किसी भी परिवार को इतनी भयानक त्रासदी नहीं सहनी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता और डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता वलारी कौर ने कहा- इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हत्या का मकसद क्या था। लेकिन बड़ी बात ये है हत्यारे ने 8 महीने की बच्ची तक को मार दिया। ये मामला हमें अमेरिका में पुराने दौर के सामाजिक अत्याचार की पीड़ा को याद दिलाता है।
कैलिफोर्निया में 8.1 लाख से अधिक भारतीय अमेरिकी हैं, जो राज्य में तीसरा सबसे बड़ा एशियाई अमेरिकी समूह है।
आरोपी पहले भी जेल जा चुका
हत्याकांड में मैनुअल और उसके भाई अल्बर्टो की गिरफ्तारी हुई है। मैनुअल डकैती के केस में 11 साल की जेल काट चुका है। उसने इस हत्याकांड से इनकार किया है।
बंदूक की नोक पर हुआ था अपहरण
अमेरिकी पुलिस अधिकारियों ने अपहरण की फुटेज जारी की थी। इससे पता चला कि मर्सिड में बंदूक की नोक पर परिवार का अपहरण किया गया था। अंडरशेरिफ कोरी गिब्सन ने बताया कि अमनदीप और जसदीप को सुबह 8:30 से 8:40 बजे के बीच अपने ऑफिस पहुंचे थे।
फुटेज से पता चला कि घटना की रात लगभग 9 बजे जसदीप इमारत के बाहर संदिग्ध जीसस मैनुअल सालगाडो के साथ बातचीत करते दिखाई दिए। दोनों गेट की ओर चल पड़े, जिसमें सिंह आगे चल रहे थे। गिब्सन ने बताया कि संदिग्ध ने एक सफेद बैग रखे था उसके बाद उसने एक बंदूक निकाली। फिर चारों को पिकअप ट्रक से ले गया।
अमेरिकी सपना टूट गया है
परिजनों का आरोप है कि जिस तरह से परिवार का अपहरण किया गया और उन्हें मारा गया, उससे ये लगता है कि अमेरिका अब भारतीयों के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। जसदीप और अमनदीप सिंह 2002 में अमेरिका आए थे। उनके पारिवारिक मित्रों ने बताया कि दोनों भाइयों ने बहुत संघर्ष किया। कई रातों तक वे अपनी कारों में सोते रहे। मेहनत के बाद मुकाम पाया। अमेरिका में आने वाले का एक सपना होता है। लेकिन इस घटना के बाद ये टूट गया