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SYL नहर का विवादित मुद्दा फिर चर्चा में:हल निकालने के लिए हरियाणा और पंजाब के CM की मीटिंग 14 को; केंद्र शामिल नहीं

कई वर्षों से हरियाणा और पंजाब के बीच चला आ रहा सतलुज-यमुना लिंक(SYL) नहर का विवादित मुद्दा फिर चर्चा में है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री 14 अक्टूबर को सुबह साढ़े 11 बजे बैठक करने जा रहे हैं। बैठक में हरियाणा के CM मनोहर लाल और पंजाब के CM भगवंत मान ही मौजूद रहेंगे। केंद्र की तरफ से इस बैठक में कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा। दोनों राज्यों के लिए हमेशा से ही SYL बड़ा मुद्दा रहा है। हरियाणा के CM मनोहर लाल ने कहा कि यह मीटिंग साढ़े 11 बजे होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में SYL के मुद्दे की सुनवाई की थी। जिसमें केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को इसका हल निकालने को कहा था। केंद्र ने आरोप लगाया था कि पंजाब के सीएम भगवंत मान इस मामले में मीटिंग के लिए समय नहीं दे रहे। इस पर सीएम भगवंत मान ने कहा था कि केंद्र इस मामले को सुलझाए। पंजाब और हरियाणा, दोनों को पानी की जरूरत है।

SC ने 19 जनवरी तक मांगी है रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को कहा कि इस मुद्दे पर एक महीने के भीतर पंजाब और हरियाणा से मीटिंग करें। जिसमें मुद्दे के हल पर विचार करें। इसकी रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में सौंपे। इसकी अगली सुनवाई 19 जनवरी 2023 को होगी।

पंजाब और हरियाणा में विवाद की वजह बनी SYL नहर का काम फिलहाल बंद है।

पंजाब और हरियाणा में विवाद की वजह बनी SYL नहर का काम फिलहाल बंद है।

यहां पढ़ें SYL नहर का पूरा विवाद

  • पंजाब ने हरियाणा से 18 नवंबर,1976 को 1 करोड़ रुपये लिए और 1977 को SYL निर्माण मंजूरी दी। बाद में पंजाब ने SYL नहर के निर्माण को लेकर आनाकानी करनी शुरू कर दी।
  • 1979 में हरियाणा ने SYL के निर्माण की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पंजाब ने 11 जुलाई, 1979 को पुनर्गठन एक्ट की धारा 78 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी।
  • 1980 में पंजाब सरकार बर्खास्त होने के बाद 1981 में PM इंदिरा गांधी की मौजूदगी में दोनों राज्यों का समझौता हुआ। 1982 में इंदिरा गांधी ने पटियाला के गांव कपूरी में टक लगाकर नहर का निर्माण शुरू करवाया।
  • इसके विरोध में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने SYL की खुदाई के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। 1985 में राजीव-लोंगोवाल समझौता हुआ, जिसमें पंजाब नहर के निर्माण पर सहमति जताई गई।
  • 1990 में 3 जुलाई SYL के निर्माण से जुड़े दो इंजीनियरों की भी हत्या कर दी गई। हरियाणा के तत्कालीन CM हुक्म सिंह ने केंद्र सरकार से मांग की कि निर्माण का काम BSF को सौंपा जाए।
  • 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 को पंजाब को एक वर्ष में SYL नहर बनवाने के निर्देश दिए। 2015 में हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई के लिए संविधान पीठ बनाने का अनुरोध किया।
  • 2016 में गठित 5 सदस्यों की संविधान पीठ ने पहली सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को बुलाया। 8 मार्च को दूसरी सुनवाई में पंजाब में 121 किमी लंबी नहर को पाटने का काम शुरू हो गया। 19 मार्च तक सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति के आदेश देते हुए नहर पाटने का काम रुकवा दिया।
  • 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों राज्य नहर का निर्माण नहीं करते हैं तो कोर्ट खुद नहर का निर्माण कराएगा। अभी 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए नोटिस जारी किया है।

AAP के लिए इम्तिहान की घड़ी
आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए यह बड़े इम्तिहान की घड़ी है। पंजाब में उनकी सरकार है। वहीं हरियाणा में वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनके ही सांसद ने SYL का पानी हरियाणा में लाने का वादा किया था। इस मुद्दे पर अगर AAP सरकार ढीली पड़ी तो पंजाब में विरोध होगा। अगर हरियाणा के हक में खड़े नहीं हुए तो अगले चुनावों में नुकसान होगा।

हरियाणा के हिसार में आए अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

कैप्टन के साथ भी कर चुके हैं खट्‌टर बैठक
इससे पहले हरियाणा के CM मनोहर लाल पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक कर चुके हैं। दोनों के बीच 2021 में 18 अगस्त को बैठक हुई थी। इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे। यह बैठक भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही आयोजित की गई थी।

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