इटली में आज प्रधानमंत्री पद के चुनाव हो रहे हैं। नए प्रधानमंत्री की रेस में जॉर्जिया मेलोनी सबसे आगे हैं। चुनाव में मेलोनी के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी पार्टियों के गठबंधन को 60% से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है। पिछले हफ्ते हुए एक पोल में जॉर्जिया का वोट शेयर 25% बढ़कर 46% हो गया था।
जॉर्जिया मेलोनी ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की नेता हैं। ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी राइट विंग की मुख्य पार्टी है। अपने राष्ट्रवादी एजेंडे की वजह से विरोधियों से आगे चल रही हैं। यदि जॉर्जिया मेलोनी चुनाव जीततीं हैं तो वे इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री होंगी।
मेलोनी के जीतने पर दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इटली में ये पहली बार होगा जब राइट विंग का कोई नेता प्रधानमंत्री की गद्दी संभालेगा।
अप्रवासियों के मुद्दे पर छोड़ सकती हैं EU
जीत की ओर बढ़तीं राष्ट्रवादी जॉजिया मेलोनी से यूरोप डरा हुआ है। यदि वो प्रधानमंत्री बनती हैं तो यूरोपीय संघ को छोड़ सकती हैं। यूरोपीय संघ की नीतियों से मेलोनी पूरी तरह सहमत नहीं हैं। वे EU को शरणार्थी समस्या का कारण मानती हैं। अपने कैंपेन में उन्होंने कहा था- मुस्लिम देशों में गृहयुद्ध में त्रस्त महिलाओं और बच्चों की तस्वीरें दिखाई जाती हैं। लेकिन हमारे देश में पुरुष शरणार्थी बन जाते हैं। मैं इन पुरुषों को शरणार्थी नहीं मानती।
मेलोनी इटली में शरणार्थियों की बढ़ती आबादी को एक अहम मुद्दा बनाकर चुनावों में लड़ी थी। साथ ही, वह यूरोपीय संघ पर इटली की एथनिसिटी (नस्ल) बदलने का भी आरोप लगाती हैं। मेलोनी ने डोनाल्ड ट्रम्प की कंजरवेटिव पार्टी की तर्ज पर कहा था- माइग्रेंट्स खासकर मुस्लिम माइग्रेंट्स खतरा साबित होते हैं।
रेप का वीडियो पोस्ट करने पर मचा था इटली में बवाल
मेलोनी ने वीडियो को ब्लर तक नहीं किया। इसके कैप्शन में लिखा- दिन-दहाड़े यूक्रेन की रिफ्यूजी महिला का रेप किया जा रहा है। कोई कैसे खामोश रह सकता है।
करीब एक महीने पहले जॉजिया मेलोनी ने एक रेप वीडियो पोस्ट किया था। इसके बाद वो विवादों में फंस गईं। वीडियो पीसेंजा शहर का था। इसमें एक अश्वेत व्यक्ति यूक्रेन की एक रिफ्यूजी महिला का रेप कर रहा था। मेलोनी ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि वो इस तरह की घटनाओं से सख्ती से निपटेंगी।
इटली में कोई भी सरकार लंबे समय तक नहीं टिकी
2023 में होने वाले चुनाव सितंबर 2022 में क्यों?
मारियो द्राघी ने रिजाइन कर दिया था। PM ने इस्तीफा तब दिया, जब उनकी सरकार में सहयोगी पार्टी फाइव स्टार मूवमेंट ने विश्वास मत में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था।
21 जुलाई 2022 में इटली की मारियो द्रागी सरकार गिर गई थी। द्रागी गठबंधन की पांच सहयोगी पार्टियों का एक बिल पर समर्थन चाहते थे। इन पार्टियों ने इनकार कर दिया। इसके बाद जल्द से जल्द चुनाव कराने का फैसला किया गया। इटली में कोई भी सरकार लंबे समय तक न रहने का रिकॉर्ड है। दो बार अहम चुनाव सुधार हुए, लेकिन कोई बड़ा बदलाव नहीं आया।
कमजोर प्रधानमंत्री सबित हो सकती हैं मेलोनी