इंग्लैंड के लेस्टर में हुई हिंदू-मुस्लिम हिंसा देश के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकती है। यह चेतावनी स्थानीय सांसद क्लाउडिया वेब ने दी है। वेब ने कहा कि चरमपंथी, दक्षिणपंथी विचारधारा और सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना फैलाई जा रही हैं। मंत्रियों को इन पर नकेल कसने की जरूरत है। बीते शनिवार और रविवार को दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं थीं, जिसके बाद पुलिस को स्थिति संभालने में दिक्कतें आई थी।
सरकार भड़काऊ बयानों को रोके
अगस्त के अंत से शुरू हुए इस तनाव के मद्देनजर अब तक 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सांसद वेब ने कहा कि सरकार को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नफरती और भड़काऊ बयानों को फैलने से रोकना चाहिए।
इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भारतीय उच्चायोग ब्रिटेन के संपर्क में है।
तनाव की वजह से बेलग्रेव रोड पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई है। हिंसा के बाद कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
मैच में पाकिस्तान की हार के बाद हुई हिंसा
ब्रिटेन के लीसेस्टर शहर में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों में झड़पों के बाद तनाव है। इसकी शुरुआत 28 अगस्त को दुबई में भारत के खिलाफ खेले गए एशिया कप मैच में पाकिस्तान की हार के बाद हुई।
शांति की अपील करने के साथ ही पुलिस उपद्रवियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है। दोनों समुदाय के लोगों ने एक दूसरे पर हमला करने और रैलियां निकालने के आरोप लगाए हैं। ज्यादातर प्रदर्शन बेलग्रेव रोड पर हुए हैं। इस इलाके में भारतीय और पाकिस्तान मूल के लोगों के कई रेस्तरां हैं।
बिना इजाजत प्रदर्शन, पत्थर और कांच की बोतलें फेंकी गईं
बिना इजाजत के प्रदर्शनों के बाद पुलिस ने शहर का बेलग्रेव रोड बंद कर दिया। यहां बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार रात कई बार दोनों गुटों में झड़पें हुई हैं। दोनों तरफ से एक दूसरे पर पत्थर और कांच की बोतलें फेंकी गईं। कारों में तोड़फोड़ और जगह-जगह मारपीट हुई। इस हिंसा के बाद सामुदायिक नेताओं ने शांति की अपील की है।
रविवार देर शाम भी प्रदर्शनकारी सड़क पर मौजूद रहे। हालात ज्यादा न बिगड़ें, इसलिए पुलिस को कई बार भीड़ को खदेड़ना पड़ा। सख्ती की वजह से माहौल पहले से शांत रहा।