सितंबर के 11 दिन बीत चुके हैं लेकिन गर्मी व उमस का सितम कम नहीं हो रहा। इसकी बड़ी वजह पिछले डेढ़ महीने से अच्छी बारिश न होना भी है। बारिश न हाेने से फसल की सिंचाई पर ताे असर पड़ ही रहा है, साथ ही उमस ने भी लाेगाें के पसीने छुड़ा रखे हैं। पूरे अगस्त में काेई अच्छी बारिश नहीं हुई और सितंबर भी अब तक सूखा ही निकला है। जुलाई में 203.5 एमएम बारिश रिकाॅर्ड की गई थी, जिससे गर्मी का ज्यादा अहसास नहीं हुआ और फसल सिंचाई में भी दिक्कत नहीं आई।
माैसम विभाग के अनुसार 1 से 11 सितंबर तक 71 एमएम बारिश हाेनी थी। अभी तक महज 9.7 एमएम बारिश जिलेभर में हुई है। सितंबर में 86 प्रतिशत बारिश कम हुई है। इसी तरह पूरे सीजन की बात करें ताे 750.1 एमएम बारिश हाेनी थी और जून से लेकर अब तक 300 एमएम बारिश हुई है। यह 60 प्रतिशत कम है।
अगस्त से अब तक अच्छी बारिश न हाेने से खेत भी सूखे हाे गए हैं। धान की फसल काे अभी पानी की जरूरत है। किसान तालाब, ट्यूबवेल से खेताें में पानी दे रहे हैं, जिससे बड़े किसानाें के साथ-साथ छाेटे किसानाें का खर्च भी बढ़ा है। सिंचाई करने में डीजल खपत भी हाे रही है। शनिवार व रविवार काे दिनभर बादल आसमान में घूमते रहे, लेकिन बारिश न हाेने से लाेगाें व खासकर किसानाें काे निराशा हुई। हालांकि शनिवार काे जिले में 5 एमएम बारिश रिकाॅर्ड की गई थीा, जाे कुछ ही जगहाें पर हुई थी।
आगे के माैसम का हाल
माैसम विभाग के अनुसार 12 से 15 सितंबर तक कुछ जगहाें पर बारिश हाे सकती है। बादल छाने व हल्की बारिश से अधिकतम तापमान 32 से 35 डिग्री के बीच रह सकता है। रविवार काे अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री व न्यूनतम तापमान 24.9 डिग्री रहा। जिले में 1.3 एमएम बारिश भी रिकाॅर्ड की गई।