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तीन चमत्कार से श्रीलंका बना चैंपियन:58 रन पर आधी टीम पवेलियन लौट गई थी, फिर जोरदार वापसी;

श्रीलंका ने पाकिस्तान को 23 रन से हराकर एशिया कप 2022 का खिताब जीत लिया है। पहली बार इस टूर्नामेंट का आयोजन 1984 में हुआ था। 38 साल में ये छठी बार है, जब श्रीलंका की टीम चैंपियन बनी है। इस बार टूर्नामेंट की शुरुआत में श्रीलंका को सबसे कमजोर टीमों में से एक माना जा रहा था। फिर भी, इसके बाद भारत के दक्षिणी पड़ोसियों ने इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में दर्ज होने लायक वापसी की और पूरे क्रिकेटिंग वर्ल्ड को हैरान कर दिया।

अपने देश में आर्थिक और राजनीतिक बदहाली के बीच श्रीलंकाई क्रिकेटरों ने जिस जीवटता के साथ खिताब जीता है उसे चमत्कार से कम नहीं कहेंगे। चमत्कार भी एक, दो नहीं पूरे तीन-तीन हुए। चलिए सबके बारे में एक-एक कर जान लेते हैं।

  1. अफगानिस्तान से हारी तो ऐसा लगा पहले राउंड से ही बाहर हो जाएगी
    श्रीलंका के लिए इस एशिया कप की शुरुआत किसी डिजास्टर से कम नहीं थी। पहले ही मैच में उसे नौसिखिआ टीम अफगानिस्तान से हरा दिया।

माना जा रहा था कि वह बांग्लादेश से भी हार सकती है और पहले राउंड में ही टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी, लेकिन श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने इस बार गजब की एकजुटता दिखाते हुए वापसी की। पहले बांग्लादेश को हराकर सुपर-4 में जगह बनाई। इसके बाद अफगानिस्तान, भारत और पाकिस्तान को हराकर टॉप पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया।

अफगानिस्तान से हारने के बाद पवेलियन जाती श्रीलंका की टीम, इस हार के बाद उन्होंने कमाल की वापसी की।
अफगानिस्तान से हारने के बाद पवेलियन जाती श्रीलंका की टीम, इस हार के बाद उन्होंने कमाल की वापसी की।

  1. फाइनल में 100 रन के अंदर ऑलआउट होने का खतरा था
    पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में श्रीलंका को टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे भी बुरी बात तब हुई जब पहले ही ओवर में ओपनर कुशल मेंडिस बोल्ड हो गए। तब टीम का स्कोर सिर्फ दो रन था।

दूसरा विकेट 23 रन के स्कोर पर और तीसरा विकेट 36 रन के स्कोर पर गिर गया। फिर चौथा और पांचवां विकेट भी कुछ ही लम्हों में गिर गए। 9 ओवर पूरे होने वाले थे और स्कोर बोर्ड पर सिर्फ 58 रन टंगे थे। टीम के ऊपर 100 रन के भीतर ऑलआउट होने का खतरा मंडरा रहा था। इसके बाद भानुका राजपक्षे (45 गेंद पर 71 रन) और वानिंदू हसारंगा (21 गेंद पर 36 रन) रन ने जोरदार बल्लेबाजी करते हुए टीम की वापसी करा दी। श्रीलंकाई टीम 20 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 170 रन पर पहुंच गई। यह ऐसा टोटल था जो फाइनल जैसे प्रेशर वाले मैच में प्रतिद्वंद्वियों को दबाव में डालने के लिए पर्याप्त हो सकता था। आखिरकार ऐसा हुआ भी।

  1. दुबई के ट्रैक रिकॉर्ड को बदल कर रख दिया
    दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट ग्राउंड पर पिछले टी-20 वर्ल्ड कप से लेकर इस एशिया कप तक टॉप-9 टीमों के बीच कुल 13 मैच हुए थे और सभी में बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती। इसलिए श्रीलंका का 170 रन का स्कोर पाकिस्तान के लिए साधारण ही दिख रहा था। आखिर ट्रैक रिकॉर्ड ही इतना एकतरफा था, लेकिन यहां से श्रीलंका ने तीसरा बड़ा चमत्कार किया और पाकिस्तान की बैटिंग को बांधकर रख दिया। पाक टीम 147 रन पर सीमित हो गई। श्रीलंका ने एशिया कप का खिताब अपने नाम कर लिया। अब सबसे ज्यादा बार एशिया कप जीतने के मामले में श्रीलंका की टीम भारत से सिर्फ एक कदम पीछे है। किस टीम ने कितने खिताब जीते हैं यह देखिए अगले ग्राफिक्स में।

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