आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवादित क्षेत्र नागोर्नो-कारबाख को लेकर एक बार फिर से युद्ध शुरू हो गया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 3 अगस्त को अजरबैजान ने कारबाख में बम बरसा दिए जिसमें 3 सैनिकों की मौत हो गई।
अर्मेनिया ने कहा कि अजरबैजान ने इस क्षेत्र के कई इलाकों पर भी कब्जा कर लिया है। इसे लेकर रूस ने भी अजरबैजान पर सीजफायर तोड़ने का आरोप लगाया है।
हालांकि, अजरबैजान ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। सेना ने कहा- आर्मेनिया ने पहले हमला किया और हमारे एक जवान को मार दिया। हमने जवाबी कार्रवाई की।
रूस ने करवाया था शांति समझौता
रूस ने नवंबर 2020 में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आर्मेनिया-अजरबैजान के बीच एक शांति समझौते करवाया था। 2020 में दोनों देशों के बीच लगभग 6 महीने तक खूनी संघर्ष चला था। इस दौरान 6,500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद रूस के कहने पर दोनों देशों ने शांति समझौते पर साइन किए थे।
नागोर्नो-कारबाख क्षेत्र आर्मेनियाई सीमा से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। यह काकेशस पर्वत में स्थित है और 4,400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
अजरबैजान-आर्मेनिया संघर्ष क्यों?
पाकिस्तानी और तुर्की फैक्टर
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सैनिक अजरबैजान सैनिकों की कथित तौर पर मदद कर रहे हैं। वहीं, आर्मेनियाई अधिकारियों ने कई बार आरोप लगाए हैं कि अजरबैजान हमले में तुर्की ड्रोन और एफ -16 लड़ाकू जेट का इस्तेमाल कर रहा है।