पेट्रोलियम के बाद अब हेल्थकेयर के खर्च बढ़ गए हैं। रुपए में कमजोरी, चीन में लॉकडाउन और सरकार की कुछ नीतियों के चलते बीते एक साल में आयातित मेडिकल डिवाइसेस और कुछ दवाइयों के दाम 12-55% बढ़ गए हैं।
इस साल अब तक रुपया करीब 7.5% कमजोर हुआ है। इसके चलते मेडिकल उपकरणों का आयात भी लगभग इतना ही महंगा हो गया है। इसके अलावा दवाओं के मुख्य कच्चा माल एपीआई की लागत 120% तक बढ़ी हैं। इन सबके बीच सरकार ने 5,000 रुपए से ज्यादा किराए वाले गैर-आईसीयू हॉस्पिटल रूम पर 5% जीएसटी लगा दिया है। यही वजह है कि कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकलसर्कल्स के एक सर्वे में शामिल 52% लोगों ने कहा है कि उनके मेडिकल खर्च में तेज इजाफा हुआ है।
सर्जरी डिवाइसेस और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के दाम 18% तक बढ़े
एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री के मुताबिक 2021-22 में 63,200 करोड़ रुपए के मेडिकल उपकरण आयात किए गए। यह 2020-21 में हुए 44,708 करोड़ रुपए के आयात से 41% ज्यादा है। रुपए में गिरावट के चलते सर्जरी इंस्ट्रूमेंट्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरणों की लागत 10-18% ज्यादा बैठी।