स्कूल में मिला होमवर्क हर बच्चे के लिए आफत से कम नहीं होता है। बच्चों के साथ-साथ माता-पिता को भी होमवर्क कंप्लीट कराने की टेंशन रहती है। इन दिनों अमेरिका में होमवर्क को लेकर बहस चल रही है। मुद्दा है- बच्चों को होमवर्क दिया जाना चाहिए या नहीं? शिक्षकों और शिक्षाविदों में चल रही इस बहस में होमवर्क के विरोधियों का कहना है कि इससे बच्चों का सही आकलन नहीं किया जा सकता। इसलिए होमवर्क नहीं दिया जाना चाहिए।
होमवर्क के पक्षधर इसके फायदे गिना रहे हैं। यह भी सामने आ रहा है कि अगर बच्चे होमवर्क नहीं कर पा रहे हैं तो इसमें भी शिक्षकों की ही जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। समाज विज्ञानी जेसिका मैकक्रॉय कैलेरको, गणित के शिक्षाविद इलाना हॉर्न और ग्रेस चेन ने इसे लेकर एक रिसर्च पेपर तैयार किया है। इसमें बताया गया है कि इस बात के बहुत कम प्रमाण मिले हैं कि होमवर्क से बच्चों को सीखने में मदद मिलती है।
स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चे अपनी व्यक्तिगत क्षमता, प्रयास और जिम्मेदारी की वजह से ऐसा कर पाते हैं। शिक्षकों को बच्चों के बैकग्राउंड की पूरी जानकारी रखनी चाहिए, ताकि वे उनका सही तरीके से मूल्यांकन कर सके। रिसर्च के अनुसार शिक्षक असमानता के इस चश्मे से बच्चों को नहीं देख पाते। वे मेरिट के मुगालते पर भरोसा करते हैं।
जबकि, होमवर्क का मूल्यांकन करते समय बच्चों की सामाजिक व आर्थिक हैसियत को देखना चाहिए। हालांकि, शिक्षाविदों का मानना है कि अमेरिकी शिक्षा पद्धति में होमवर्क इस तरह से रचा-बसा है कि इसे जल्दी ही पूरी तरह खत्म करना कठिन है। रिसर्च में होमवर्क के आधार पर विद्यार्थियों को दंडित या पुरस्कृत नहीं किए जाने की सिफारिश की गई है।
उनका कहना है कि होमवर्क का बोझ बच्चों की सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसके कोई बहुत उल्लेखनीय परिणाम भी नहीं हैं। वहीं, दूसरी ओर पूर्व शिक्षक जाय कास्पियन कांग होमवर्क के अच्छे प्रभाव को लेकर स्टडी कर चुके हैं। उनका कहना हैं कि होमवर्क बच्चों की सीखने की प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। विद्यार्थियों के लिए यह बोझ नहीं है। होमवर्क को लेकर मुश्किल यह है कि स्कूल की पढ़ाई और होमवर्क के प्रभाव को अलग करके नहीं आंका जा सकता। होमवर्क को पूरी तरह से हटाने को लेकर बहस अब स्कूलों के बोर्ड और पाठ्यक्रमों के निर्माताओं के बीच पहुंच गई है। कई स्कूल इसे बंद कर सकते हैं।
समर्थक कह रहे- परफेक्शन के लिए जरूरी अभ्यास होमवर्क से ही
होमवर्क का समर्थन करने वालों का कहना है कि विद्यार्थियों को अभ्यास करने की जरूरत होती है। होमवर्क इसका एक अच्छा तरीका है। पूर्णता हासिल करने के लिए निरंतर अभ्यास का इससे बेहतर और क्या रास्ता हो सकता है। उनका कहना है कि केवल क्लास की पढ़ाई से पूरे नतीजे हासिल नहीं हो सकते। होमवर्क के माध्यम से रट्टा मारने की पढ़ाई का बचाव करना आज के जमाने में थोड़ा खराब लग सकता है, लेकिन प्रदर्शन सुधारने में यह सबसे कारगर है।