अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के तहत लोगों को सरकार की आलोचना करने से रोका जा रहा है। फरमान में कहा गया है- बिना किसी सबूत के इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान के अधिकारियों और कर्मचारियों की आलोचना करने वालों को दंडित किया जाएगा। लोग हावभाव, शब्द या किसी और चीज से सरकार की आलोचना नहीं कर सकते।
इतना ही नहीं तालिबान के निर्देश में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति तालिबानी सैनिक को छूता है, उसके कपड़े खींचता है, या उसे बुरी बातें कहता है तो उसे पनिशेबल एक्ट (दंडनीय कार्य) माना जाएगा।
सरकार की आलोचना न करना ‘शरिया जिम्मेदारी’
तालिबान ने इस फरमान को ‘शरिया जिम्मेदारी’ बताया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा- जनता को तालिबान सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ आरोप नहीं लगाने चाहिए।
शरिया का मतलब- ‘पानी का एक स्पष्ट और व्यवस्थित रास्ता’ होता है।
शरिया कानून इस्लामिक कानूनी व्यवस्था है। इसे कुरान और इस्लामी फतवों को मिलाकर तैयार किया गया है। शरिया कानून का उद्देश्य मुसलमानों को यह समझाने में मदद करना है कि उन्हें अपने जीवन के हर पहलू को अल्लाह या खुदा की इच्छा के अनुसार कैसे जीना चाहिए।
सोशल मीडिया पर तालिबान की आलोचना
नया फरमान जारी होने के बाद अफगानिस्तान के लोगों में गुस्सा देखा गया। उन्होंने तालिबान की आलोचना की। ट्विटर पर तो ‘बैन तालिबान’ कैंपेन चला दिया गया। अफगान पीस वॉच के मुताबिक, लोगों ने गलत सूचना फैलाने, हिंसा बढ़ाने वाले कंटेंट और आतंकवाद समर्थन का हवाला देते हुए तालिबानी अधिकारियों के अकाउंट्स ब्लॉक करने की मांग की थी।
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक (मेटा) ने अफगानिस्तान के दो सरकारी मीडिया संस्थानों के अकाउंट बैन कर दिए थे। कंपनी ने कहा था कि अमेरिकी कानून के तहत तालिबान एक आतंकी संस्था है। ऐसे में उसके किसी भी अकाउंट को वह अपने प्लेटफार्म पर जगह नहीं दे सकते हैं।
UNAMA की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान पिछले 10 महीनों के दौरान 10 से ज्यादा पूर्व सुरक्षा बलों के जवानों को मार डाला है।
20 जुलाई 2022 को अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने देश में मानवाधिकार की स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें बताया गया कि अफगान सरकार के शासन में पिछले 10 महीनों में सोशल मीडिया पर आलोचना करने वाले लोगों को गिरफ्तार, कैद और प्रताड़ित किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि अगस्त 2021 से जून 2022 तक 700 नागरिकों को मारा दिया गया। 1,406 लोग घायल हुए।
तालिबान ने युवक को गोली मारी फिर शव को सार्वजनिक रूप से घुमाया
लोगों ने बताया कि तालिबानियों ने पहले युवक को घर से बाहर बुलाया फिर उसे गोली मार दी।
तालिबान ने बगलान के अंदराब जिले में रहने वाले युवक को गोली मार दी। उसके बाद तालिबानी युवक के शव को लेकर सार्वजनिक रूप से घुमाने लगे। घटना 20 जुलाई की है। 21 जुलाई को युवक के परिजनों ने अफगानिस्तान की सरकार से जवाब मांगा। सरकार ने जवाब तो नहीं दिया, लेकिन हवाई फायर करते हुए लोगों को वहां से भगा दिया।
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