अमेरिका में पहली बार बच्चों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। यहां दो बच्चों में संक्रमण पाया गया है। हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक जहां एक बच्चा कैलिफोर्निया का है, वहीं दूसरा बच्चा नवजात है और अमेरिका का निवासी नहीं है। मंकीपॉक्स अब तक 80 देशों में फैल चुका है।
8 साल तक के बच्चों को ज्यादा खतरा
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही बच्चों में बीमारी के लक्षण देखे गए हैं और उनकी हालत स्थिर है। इलाज के लिए उन्हें एंटीवायरल दवा टेकोविरिमैट दी गई है। CDC के अनुसार यह दवा 8 साल से छोटे बच्चों को दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें गंभीर संक्रमण का खतरा होता है।
छूने से फैलती है बीमारी
इस साल हुए आउटब्रेक में मंकीपॉक्स का पहला केस ब्रिटेन में 6 मई को पाया गया था। इसके ज्यादातर मरीज वे युवा पुरुष हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं। हालांकि, यह बीमारी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। मरीज से स्किन टु स्किन कॉन्टैक्ट करने से या फिर उसे खाना खिलाने से भी संक्रमण फैलता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।
अमेरिका में बढ़ रही वैक्सीन की मांग
CDC के अनुसार अमेरिका में 15 लाख लोग वैक्सीन के लिए एलिजिबल हैं।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने अब तक 3 लाख से ज्यादा मंकीपॉक्स वैक्सीन्स को लोगों तक पहुंचाया है। इसका मतलब जल्द ही हजारों नागरिकों को कुछ हफ्तों के अंदर वैक्सीन लगा दी जाएगी। CDC के अनुसार अमेरिका में 15 लाख लोग वैक्सीन के लिए एलिजिबल हैं। सभी को Jynneos वैक्सीन की दो खुराक दी जाएंगी।
दुनिया में मंकीपॉक्स के लगभग 17 हजार मामले
Monkeypoxmeter.com के डेटा के मुताबिक, भारत समेत 79 देशों में 16,886 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से यूरोप में सबसे ज्यादा 11,985 लोग मंकीपॉक्स की चपेट में आए हैं। वहीं, बीमारी से ग्रस्त टॉप 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड्स, इटली और बेल्जियम शामिल हैं। मंकीपॉक्स से इस साल तीन लोगों की मौत हो चुकी है।