हरियाणा के जिला रोहतक में आईएमटी स्थित ऑटो फैक्ट्री में सोमवार सुबह ब्लास्ट हो गया। हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई। वहीं एक मजदूर घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती करवाया गया है।
पीजीआई में उपचाराधीन सचिदानंद
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस बल व प्रशासन मौके पर पहुंचा। मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के जिला इलाहाबाद निवासी रमेश व सोहनभद्र निवासी बिजेंद्र के रूप में हुई है, जो फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। इस हादसे में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी सचिदानंद घायल हो गया।
सड़क जाम करके तोड़ फोड़ करते प्रदर्शनकारी।
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह शिवम आटो टेक लिमिटेड में काम चल रहा था। सुबह करीब साढ़े 8 बजे तीन कर्मचारी (रमेश कुमार यादव, बिजेंद्र व सचिदानंद) फर्नेस मशीन (भट्ठी) पर काम कर रहे थे। हिट से पार्ट्स को हार्ड करने का काम किया जा रहा था। इसी दौरान मशीन की पाइप फट गई और तेज धमाके के साथ ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट के कारण फर्नेस मशीन (भट्ठी) का कैमिकल बाहर आ गया और मजदूरों पर गिर गया। जिसके कारण काम कर रहे तीनों मजदूर झुलस गए।
पीजीआई पहुंचे मृतकों के परिजन जानकारी देते हुए।
हादसे का पता लगते ही आसपास के लोग भी घटनास्थल पर एकत्रित हो गए। घायलों को उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में ले जाया गया। जहां रमेश व बिजेंद्र को मृत घोषित कर दिया। वहीं सभी कर्मचारी एकजुट होकर कंपनी से बाहर आ गए और गेट बंद कर दिया गया। हादसे से गुस्साए लोगों ने रोड जाम भी कर दिया। जाम के कारण वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है।
फैक्ट्री के गेट पर बैठे मजदूर
तनाव बढ़ता देखकर आईएमटी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे, जिन्होंने प्रदर्शनकारी वर्करों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। वर्करों का आरोप है कि कंपनी में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। यहां तक कि एंबुलेंस की भी सुविधा भी नहीं है।
फैक्ट्री के बाहर वर्करों से बात करते पुलिस और वर्करों की भीड़।
नहीं मिलते सुरक्षा उपकरण
फैक्ट्री के मजदूर पिंटू ने बताया कि जो मजदूर भट्ठी पर काम करते हैं, उन्हें सुरक्षा के उपकरण भी पूरे नहीं मिलते। जिस कारण से इस तरह के हादसों का हमेशा डर बना रहता है। अगर मजदूरों को समय पर सुरक्षा उपकरण मिलते तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता। क्योंकि सुरक्षा उपकरणों के कारण मजदूर सुरक्षित बच जाते।
पहले भी हो चुके ब्लास्ट
मजदूरों ने कहा कि फैक्ट्री में भट्ठी पर पहले भी साल भर में तीन-चार बार ब्लास्ट हो चुके हैं। लेकिन उस समय फैक्ट्री मालिकों ने उन ब्लास्टो की जानकारी को दबा दिया। इन हादसों से सबक लेकर कोई सुधार नहीं किया, इसका बड़ा हादसा हुआ।
मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन के अधिकारी।
विजेंद्र चार बहन भाइयों में था सबसे छोटा
मृतक बिजेंद्र के भाई उत्तर प्रदेश के सोनभद्र निवासी विश्वास ने बताया कि वे चार बहन-भाई है, जिनमें से बिजेंद्र सबसे छोटा था। वे दोनों भाई मजदूरी करने के लिए आज हुए थे। उसकी ड्यूटी रात को थी और वह ड्यूटी खत्म करके अपने रूम पर गया हुआ था। विजेंद्र की ड्यूटी सुबह शुरू हुई थी। सबसे बड़ी बहन चंद्रकला, उससे छोटा भाई विश्वास, तीसरे नंबर की बहन इंद्र कला व सबसे छोटा 21 वर्षीय बिजेंद्र था।
दो बच्चों का पिता का रमेश
मृतक उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद निवासी रमेश कुछ दिन पहले ही मजदूरी करने के लिए फैक्ट्री में आया था। रमेश को दो बच्चे, एक लड़का वह एक लड़की है। वह मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का लालन पालन कर रहा था, लेकिन इस हादसे में उसकी जान लील ली।