ईरान में शनिवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई। इस दौरान 5 लोगों की जान चली गई। 19 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। इसके झटके फारस की खाड़ी सहित UAE में भी महसूस किए गए। अब तक UAE से किसी तरह के नुकसान होने की सूचना नहीं है।
ईरान स्टेट टेलीविजन के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 6.3 मैग्निट्यूड दर्ज की गई है। इसके तुरंत बाद दो और भूकंप दर्ज किए गए। इसका एपिसेंटर पोर्ट सिटी के बंदरगाह के पास बताया गया, जो जमीन से 10 KM गहराई में था।
ईरान में आए भूकंप के झटके UAE में भी महसूस किए गए। इसके बाद दुबई में लोग अपने घरों के बाहर आ गए।
कहां था भूकंप का केंद्र?
US जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र होर्मोजगन प्रांत के बंदरगाह शहर बंदर अब्बास से 100 किलोमीटर दूर था। भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 1.30 बजे आया। एपिसेंटर के सबसे पास बसे सईह खोशो गांव में 5 लोगों की मौत हो गई।
25 जून को भी आया था भूकंप
ईरान के दक्षिणी सूबे में 25 जून को 5.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। इस आपदा के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 30 से अधिक लोग घायल हो गए थे। ईरानी मीडिया ने यह जानकारी थी। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने बताया कि एपिसेंटर होर्मोजगन प्रांत के किश द्वीप से 22 किलोमीटर उत्तर पूर्व में था। इसका केंद्र सतह से 22 किलोमीटर नीचे था।
2003 में हो चुकी है 26 हजार लोगों की मौत
इससे पहले भी ईरान भूंकप से होने वाली तबाही का सामना कर चुका है। 2003 में यहां के बाम शहर में 6.6 मैग्निट्यूड का भूकंप आया था। इस दौरान 26000 लोगों की जान गई थी।
दक्षिणी ईरान में साल 2017 के 7 मैग्निट्यूड के भूंकप में 600 लोगों की मौत हुई थी। 9,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
भूकंप क्यों आता है?
धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूमती हैं। ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब प्रेशर ज्यादा बनने लगता है कि तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।