फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बॉलीवुड के माहौल और डायरेक्टर्स के काम करने के तरीकों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में फिल्म बनाते समय डर लगता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा लोगों को हर वक्त ध्यान रखना पड़ता है कि वो किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं।
अनुराग ने बॉलीवुड के माहौल को बताया बंधा हुआ
अनुराग कहते हैं, ‘मुझे बड़ी फिल्मों और लंबी कहानियां सुनाना पसंद है। मैं कई सारी चीजों पर काम करते रहता हूं, लेकिन बॉलीवुड का माहौल काफी बंधा हुआ है। यहां पर आप सिर्फ ड्रामा ही कर सकते हो।’
अनुराग ने बताई इंडस्ट्री की कहानी
अनुराग ने कहा, ‘फिलहाल, हम ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते, जो धार्मिक या पॉलिटिक्स से जुड़ा हो। यहां उनके लिए जगह नहीं है। इसलिए जगह नहीं है कि किसी ने मना किया है बल्कि इस वजह से क्योंकि सभी उसी माहौल में रह रहे हैं। तो इस पर आपको पता नहीं है कि कौन कैसे रिएक्ट करेगा?’
अनुराग ने क्रिएटर्स को दी नसीहत
अनुराग ने आगे कहा, ‘इस वक्त हम काफी नाजुक मोड़ पर हैं, जहां हम आसानी से नाराज हो जाते हैं और हमारी भावनाओं को ठेस पहुंच जाती है। तो आज के समय में जो भारत में क्रिएटर्स हैं, उन्हें लंबी कहानियां बनानी चाहिए और हर बार कुछ नया करना चाहिए। लेकिन उसी के साथ हमें हमारी सीमा रेखा का भी ध्यान रखना पड़ता है।’
अनुराग को ‘देव डी’ से मिली थी असली पहचान
अनुराग का जन्म यूपी के गोरखपुर शहर में हुआ था। उन्होंने 1998 में राम गोपाल वर्मा की क्राइम ड्रामा फिल्म ‘सत्या’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्हें ‘देव डी’ से सफलता मिली। 2012 में उन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी फिल्म बना कर दर्शकों का दिल खुश कर दिया था। अनुराग की यह फिल्म सिर्फ उनके लिए ही फायदेमंद साबित नहीं हुई, बल्कि फिल्म ने कई चेहरों को नई पहचान भी दी। उन्होंने फिर ‘गुलाल’, ‘दैट गर्ल इन येलो बूट्स’, ‘बॉम्बे वेलवेट’, ‘रमन राघव 2.0’, ‘मुक्केबाज’ जैसी कई अन्य फिल्में बनाईं।