आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। देश में प्रमुख शहरों को लगातार पॉवरकट की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। इस वजह से ही अब टेलीकॉम ऑपरेटरों ने देश में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस बंद करने की चेतावनी दी है।
नेशनल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी बोर्ड ने कहा- पाकिस्तान में टेलीकॉम ऑपरेटरों ने सर्विस बंद करने की चेतावनी दी है। देश में बार बार होने वाले पॉवरकट की वजह से मोबाइल और इंटरनेट बंद हो जाते हैं, इस वजह से इन्हें ऑपरेट करने में दिक्कत हो रही है।
इस बीच पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने देश को चेतावनी दी कि जुलाई के आने वाले महीने में उन्हें लोड शेडिंग का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जरूरी LNG नहीं मिल पा रही है, हालांकि, सरकार इनके इंपोर्ट को जारी रखने की कोशिश कर रही थी।
पाकिस्तान में 4 हजार मेगावॉट बिजली की कमी
पाकिस्तान में 22 हजार मेगावट बिजली का उत्पादन हो रहा है जबकि जरूरत 26 हजार मेगावट की है। ऐसे में पाकिस्तान में 4 हजार मेगावॉट बिजली की कमी है। हाल के दिनों में पाकिस्तान में बिजली की कमी बढ़कर 7800 मेगावट तक पहुंच गई है।
7 जून को पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में 15 घंटे बिजली गुल रही जबकि लाहौर में इसी दिन 12 घंटे तक बिजली कटौती हुई। इससे पाकिस्तान में बिजली संकट से पैदा हुए हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पाकिस्तान में बिजली संकट की वजह क्या है?
पाकिस्तान में बिजली संकट की मुख्य वजह आर्थिक बदहाली है। दरअसल, पाकिस्तान के ज्यादातर पॉवर प्लांट में तेल के जरिए बिजली पैदा की जाती है। इन पॉवर प्लांट में इस्तेमाल होने वाले तेल को विदेश से आयात किया जाता है।
यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया भर में तेल की कीमत में दोगुने से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इस वक्त डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी रुपया 202 रुपए प्रति डॉलर तक पहुंच गया है। ऐसे में सरकार तेल का आयात कम से कम करना चाहती है।
पीएम शहवाज शरीफ ने खुद ये बात कही है कि पाकिस्तान सरकार के खजाने में इतना पैसा नहीं है कि हम तेल और गैस दूसरे देशों से खरीद सकें। ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक इन्हीं वजहों से अगस्त 2021 की तुलना में जून 2022 में पाकिस्तान में तेल के आयात में 50% तक की कमी आई है।